बाधा हटी, पढ़िए और आगे बढ़िए
कानपुर। इंटर और ग्रेजुएशन के बाद किसी वजह से आपकी पढ़ाई रुक गई और कुछ साल बाद आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं तो अब रास्ते खुल गए हैं। अब पांच साल तक का गैप होने के बाद भी रेग्युलर छात्र के रूप में आगे की पढ़ाई कर सकते हैं। छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
यह पहला मौका है, जब पांच साल के लंबे अंतर (गैप) पर रेग्युलर पढ़ाई का विकल्प दिया गया। अभी तक एक साल के गैप पर ही एडमिशन मिलता था, वो भी भूतपूर्व छात्र के रूप में। नई व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू कर दी गई है। एडमिशन का अधिकार प्रिंसिपल को दिया गया है।
यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी की मीटिंग शुक्रवार को कैंपस के एकेडमिक भवन सभागार में हुई। इसमें राजकीय, अनुदानित और निजी डिग्री कॉलेजों में एडमिशन की समस्याओं पर चर्चा की गई। कुलपति प्रो. जेवी वैशंपायन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सबसे पहले एडमिशन का नया नियम बनाया। इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद पांच साल का अंतर हुआ तो भी बीए, बीएससी और बीकॉम के रेग्युलर कोर्स में पढ़ाई का मौका मिल जाएगा। पांच साल तक गैप के बाद भी कर सकेंगे रेग्युलर ग्रेजुएशन और पीजी
नए स्टूडेंट्स को मिलेगी वरीयता
गैप के बाद जो स्टूडेंट एडमिशन लेेंगे, उनका मार्क्स फीसदी कम हो जाएगा। यानी एक साल का गैप है तो एक फीसदी मार्क्स कम जोड़े जाएंगे। दो साल का गैप है, तो दो प्रतिशत नंबर कम जोड़े जाएंगे। यह सिलसिला पांच साल तक चलेगा। इसका मकसद नए स्टूडेंटों को नुकसान से बचाना है, क्योंकि एडमिशन की जो मेरिट लिस्ट बनेगी, उसमें नए स्टूडेंटों को वरीयता दी जाएगी।
कानपुर। इंटर और ग्रेजुएशन के बाद किसी वजह से आपकी पढ़ाई रुक गई और कुछ साल बाद आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं तो अब रास्ते खुल गए हैं। अब पांच साल तक का गैप होने के बाद भी रेग्युलर छात्र के रूप में आगे की पढ़ाई कर सकते हैं। छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
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यह पहला मौका है, जब पांच साल के लंबे अंतर (गैप) पर रेग्युलर पढ़ाई का विकल्प दिया गया। अभी तक एक साल के गैप पर ही एडमिशन मिलता था, वो भी भूतपूर्व छात्र के रूप में। नई व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू कर दी गई है। एडमिशन का अधिकार प्रिंसिपल को दिया गया है।
यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी की मीटिंग शुक्रवार को कैंपस के एकेडमिक भवन सभागार में हुई। इसमें राजकीय, अनुदानित और निजी डिग्री कॉलेजों में एडमिशन की समस्याओं पर चर्चा की गई। कुलपति प्रो. जेवी वैशंपायन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सबसे पहले एडमिशन का नया नियम बनाया। इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद पांच साल का अंतर हुआ तो भी बीए, बीएससी और बीकॉम के रेग्युलर कोर्स में पढ़ाई का मौका मिल जाएगा। पांच साल तक गैप के बाद भी कर सकेंगे रेग्युलर ग्रेजुएशन और पीजी
नए स्टूडेंट्स को मिलेगी वरीयता
गैप के बाद जो स्टूडेंट एडमिशन लेेंगे, उनका मार्क्स फीसदी कम हो जाएगा। यानी एक साल का गैप है तो एक फीसदी मार्क्स कम जोड़े जाएंगे। दो साल का गैप है, तो दो प्रतिशत नंबर कम जोड़े जाएंगे। यह सिलसिला पांच साल तक चलेगा। इसका मकसद नए स्टूडेंटों को नुकसान से बचाना है, क्योंकि एडमिशन की जो मेरिट लिस्ट बनेगी, उसमें नए स्टूडेंटों को वरीयता दी जाएगी।
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