राजधानी के 4500 शिक्षकों में जगी आस
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राजधानी के करीब 4500 वित्तविहीन शिक्षकों में मानदेय पाने की आस जगी है। राजधानी के 314 वित्तविहीन विद्यालयों ने शिक्षकों की सूची डीआईओएस कार्यालय को उपलब्ध कराई है। मौजूदा समय राजधानी में 550 वित्तविहीन कॉलेज हैं।
लेकिन इसमें से केवल 314 कॉलेजों ने ही शिक्षकों का ब्यौरा विभाग को उपलब्ध कराया है। इन कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या करीब साढ़े चार हजार है। मुख्यमंत्री की ओर से शुक्रवार को अगले वित्तीय वर्ष में मानदेय के लिए प्रावधान होने की घोषणा के बाद इन शिक्षकों में खुशी है।
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में करीब 18,000 वित्त विहीन इंटर कॉलेजों के तकरीबन सवा दो लाख शिक्षकों को अगले वित्तवर्ष से मानदेय मिलने की संभावना बढ़ गई है। सपा सरकार ने अपने इस चुनावी वादे को अगले चुनाव से एक साल पहले पूरा करने का मन बना लिया है। शिक्षकों को मानदेय के रूप में मिलने वाली राशि और अगले वित्तवर्ष में समय को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। लेकिन मानदेय का रास्ता साफ होने को लेकर शिक्षकों में उत्साह है। सोमवार को मुख्यमंत्री ने इसकी मांग कर रहे आंदोलनरत शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया था। बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देना चाहती है। इसलिए शिक्षकों का जिलेवार ब्यौरा एकत्र कराया जा रहा है। इसके आधार पर अगले वित्तीय वर्ष के बजट में मानदेय देने का प्रावधान किया जाएगा।
बैठक में सीएम ने कहा, प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षक व शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त वित्तविहीन इंटर कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को चेक से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। बजट में इसके लिए प्रावधान करने के साथ ही स्कूल प्रबंधन के जरिये इसका भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद वित्तविहीन शिक्षकों ने तीन दिन पुराना आंदोलन समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री के साथ इस बैठक में आंदोलनरत शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने भी हिस्सा लिया। वित्तविहीन शिक्षक महासभा की ओर से इसके प्रदेश अध्यक्ष रामवीर सिंह यादव, कार्यकारी अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी, संजय कुमार मिश्रा, अशोक राठौर, अजय सिंह व रेनू मिश्रा शामिल हुए।
बजट में प्रावधान के बाद चेक से भुगतान का आश्वासन
मुख्यमंत्री के भरोसे के बाद शिक्षकों ने समाप्त किया आंदोलन
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राजधानी के करीब 4500 वित्तविहीन शिक्षकों में मानदेय पाने की आस जगी है। राजधानी के 314 वित्तविहीन विद्यालयों ने शिक्षकों की सूची डीआईओएस कार्यालय को उपलब्ध कराई है। मौजूदा समय राजधानी में 550 वित्तविहीन कॉलेज हैं।
लेकिन इसमें से केवल 314 कॉलेजों ने ही शिक्षकों का ब्यौरा विभाग को उपलब्ध कराया है। इन कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या करीब साढ़े चार हजार है। मुख्यमंत्री की ओर से शुक्रवार को अगले वित्तीय वर्ष में मानदेय के लिए प्रावधान होने की घोषणा के बाद इन शिक्षकों में खुशी है।
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में करीब 18,000 वित्त विहीन इंटर कॉलेजों के तकरीबन सवा दो लाख शिक्षकों को अगले वित्तवर्ष से मानदेय मिलने की संभावना बढ़ गई है। सपा सरकार ने अपने इस चुनावी वादे को अगले चुनाव से एक साल पहले पूरा करने का मन बना लिया है। शिक्षकों को मानदेय के रूप में मिलने वाली राशि और अगले वित्तवर्ष में समय को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। लेकिन मानदेय का रास्ता साफ होने को लेकर शिक्षकों में उत्साह है। सोमवार को मुख्यमंत्री ने इसकी मांग कर रहे आंदोलनरत शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया था। बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देना चाहती है। इसलिए शिक्षकों का जिलेवार ब्यौरा एकत्र कराया जा रहा है। इसके आधार पर अगले वित्तीय वर्ष के बजट में मानदेय देने का प्रावधान किया जाएगा।
बैठक में सीएम ने कहा, प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षक व शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त वित्तविहीन इंटर कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को चेक से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। बजट में इसके लिए प्रावधान करने के साथ ही स्कूल प्रबंधन के जरिये इसका भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद वित्तविहीन शिक्षकों ने तीन दिन पुराना आंदोलन समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री के साथ इस बैठक में आंदोलनरत शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने भी हिस्सा लिया। वित्तविहीन शिक्षक महासभा की ओर से इसके प्रदेश अध्यक्ष रामवीर सिंह यादव, कार्यकारी अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी, संजय कुमार मिश्रा, अशोक राठौर, अजय सिंह व रेनू मिश्रा शामिल हुए।
बजट में प्रावधान के बाद चेक से भुगतान का आश्वासन
मुख्यमंत्री के भरोसे के बाद शिक्षकों ने समाप्त किया आंदोलन
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