माननीय अरुण टंडन जी ने स्पस्ट कहा था टीचर भर्ती मे जब टेट पास लड़के
नही मिलेगेँ तब नान टेट अथवा शिक्षा मित्र या अन्य बीएड बीटीसी को जाब दी
जा सकती है ।यू पी मे शिक्षको की भारी कमी को देखते हुऐ एन सी टी ई ने बी
एड वालो को एक आखिरी मौका देते हुऐ टेट 2011 मे प्रायमरी टेट मे बी एड वालो
को परिक्षा मे बैठने का अवसर दिया था
यानि टेट 2011 मे पास सभी तीन लाख बीएड टेट पास धारक प्रायमरी टीचर भर्ती मे पात्र है ।
हमे बी एड न कहकर प्रायमरी टेट पास शिक्षक कहना बेहतर होगा
dr.amit agrahari maharajganj
Ncte के पत्र से निम्न बातें साफ होती हैं......
१)- प्राथमिक
विद्यालय में भर्ती के
लिये मात्र बी.टी.सी.
ही अर्ह है.चाहे उस
कोर्स का नाम कुछ भी
हो परन्तु कम से कम २
वर्ष की अवधि का
होना चाहिए.
२)- प्राथमिक स्तर के
लिये कोई भी योग्यता
इण्टरमीडिएट के बाद
हो सकती है.इण्टर में
न्यूनतम ४५℅ अंक
हों.परन्तु २०१० से पूर्व के
लोगों पर यह आवश्यक
नहीं है.
३)- नई भर्ती के लिये टेट
जरूरी है.
४)- प्राथमिक स्तर पर
बी.एड.या
वि.बी.टी.सी.२०१
२ से
बिल्कुल भी मान्य नहीं
है.
५)- २०१० से पूर्व की
विभिन्न स्थानीय
निकायों अर्थात् ग्राम
सभा , वार्ड मेम्बर या
कोई अन्य मान्यता
प्राप्त संस्थानों
द्वारा की गयी
भर्तियां पूरी तरह
मान्य हैं .
६)- rte लागू होने के बाद
सभी अप्रशिक्षित
शिक्षकों को ५ वर्ष के
अन्दर प्रशिक्षित
करना अनिवार्य है
अर्थात् १२४००० के
अतिरिक्त जितने
शिक्षा मित्रों को
प्रशिक्षण दिया गया
वह ncte के नियम के
अन्तर्गत किया गया.
७)- १२४००० का
प्रशिक्षण पूर्ण
वैध.अनुमति सहित.
८)- १२४००० को
प्रशिक्षण की अनुमति
देने से पूर्व ncte में
परीक्षण किया गया
जिसके बाद ही
प्रशिक्षण की अनुमति
दी गयी.
९)- ncte ने माना कि
शिक्षा मित्र २०१० से
पूर्व नियुक्त
अप्रशिक्षित शिक्षक हैं.
१०)- ncte के नियमों के
हिसाब से उन सभी
शिक्षकों को टेट से छूट है
जो २०१० से पहले नियुक्त
हैं तथा लगातार सेवा में
हैं.
११)- ncte ने माना है कि
समायोजन करना प्रदेश
सरकार का दायित्व है.
मुझे पत्र में ये सभी बातें
दिखायी दीं.अब आप
लोग स्वयं सोच कर देखें
कि कौन से बिन्दु हमारे
पक्ष में हैं और कौन से
विपक्ष में.
मेरा मानना है कि पत्र
में हमारे पक्ष की बहुत
सी बातें हैं.इस पत्र के
आधार पर मैं निम्न
निष्कर्ष निकालता हूँ...
१)- सभी १७२००० शिक्षा
मित्रों पर प्राथमिक
स्तर पर भर्ती हेतु
आवश्यक योग्यता इण्टर
+ बी.टी.सी. है.
२)- सभी शिक्षा मित्र
२०१० से पूर्व के नियुक्त हैं.
३)- ग्राम सभा या
वार्ड मेम्बर द्वारा की
गयी नियुक्तियां वैध हैं.
४)- राज्य सरकार को
हमारा समायोजन
नियम सम्मत करने का
पूरा अधिकार है.
५)- यदि कोर्ट ncte से
सहमत हो जाय तो हमें
टेट से छूट मिलेगी.
६)- हमारे सबसे बड़े
विरोधियों बी.एड.
वालों का प्राथमिक पर
कोई भी अधिकार नहीं
है.
७)- वर्तमान में यदि
बी.एड. तथा शिक्षा
मित्रों की भर्ती न की
जाय तो मात्र ५००००
बी.टी.सी. टेट ही
उपलब्ध हैं अर्थात्
शिक्षकों का भारी
अकाल.जिसके कारण
करीब अगले ७-८ वर्षों
तक प्राथमिक में शिक्षा
का बदहाल रहेगा.इसके
लिये शिक्षा मित्रों की
भर्ती जरूरी है क्योंकि
उनके पास २ वर्षीय
बी.टी.सी. तथा १५
वर्षों का अनुभव है.
यदि एक अच्छे वकील की
पैरवी और सबूतों का
साथ मिल जाय तो
शिक्षा मित्रों को
सुप्रीम कोर्ट में बड़ी
जीत हासिल करने से
कोई नहीं रोक सकता.
वह भी नियमों के अन्दर.
आप सब भी बतायें क्या
पत्र के बारे में मेरे
निष्कर्ष सही हैं और हाँ
पहले पत्र को ध्यान से
जरूर पढ़ लें .
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यानि टेट 2011 मे पास सभी तीन लाख बीएड टेट पास धारक प्रायमरी टीचर भर्ती मे पात्र है ।
हमे बी एड न कहकर प्रायमरी टेट पास शिक्षक कहना बेहतर होगा
dr.amit agrahari maharajganj
Ncte के पत्र से निम्न बातें साफ होती हैं......
१)- प्राथमिक
विद्यालय में भर्ती के
लिये मात्र बी.टी.सी.
ही अर्ह है.चाहे उस
कोर्स का नाम कुछ भी
हो परन्तु कम से कम २
वर्ष की अवधि का
होना चाहिए.
२)- प्राथमिक स्तर के
लिये कोई भी योग्यता
इण्टरमीडिएट के बाद
हो सकती है.इण्टर में
न्यूनतम ४५℅ अंक
हों.परन्तु २०१० से पूर्व के
लोगों पर यह आवश्यक
नहीं है.
३)- नई भर्ती के लिये टेट
जरूरी है.
४)- प्राथमिक स्तर पर
बी.एड.या
वि.बी.टी.सी.२०१
२ से
बिल्कुल भी मान्य नहीं
है.
५)- २०१० से पूर्व की
विभिन्न स्थानीय
निकायों अर्थात् ग्राम
सभा , वार्ड मेम्बर या
कोई अन्य मान्यता
प्राप्त संस्थानों
द्वारा की गयी
भर्तियां पूरी तरह
मान्य हैं .
६)- rte लागू होने के बाद
सभी अप्रशिक्षित
शिक्षकों को ५ वर्ष के
अन्दर प्रशिक्षित
करना अनिवार्य है
अर्थात् १२४००० के
अतिरिक्त जितने
शिक्षा मित्रों को
प्रशिक्षण दिया गया
वह ncte के नियम के
अन्तर्गत किया गया.
७)- १२४००० का
प्रशिक्षण पूर्ण
वैध.अनुमति सहित.
८)- १२४००० को
प्रशिक्षण की अनुमति
देने से पूर्व ncte में
परीक्षण किया गया
जिसके बाद ही
प्रशिक्षण की अनुमति
दी गयी.
९)- ncte ने माना कि
शिक्षा मित्र २०१० से
पूर्व नियुक्त
अप्रशिक्षित शिक्षक हैं.
१०)- ncte के नियमों के
हिसाब से उन सभी
शिक्षकों को टेट से छूट है
जो २०१० से पहले नियुक्त
हैं तथा लगातार सेवा में
हैं.
११)- ncte ने माना है कि
समायोजन करना प्रदेश
सरकार का दायित्व है.
मुझे पत्र में ये सभी बातें
दिखायी दीं.अब आप
लोग स्वयं सोच कर देखें
कि कौन से बिन्दु हमारे
पक्ष में हैं और कौन से
विपक्ष में.
मेरा मानना है कि पत्र
में हमारे पक्ष की बहुत
सी बातें हैं.इस पत्र के
आधार पर मैं निम्न
निष्कर्ष निकालता हूँ...
१)- सभी १७२००० शिक्षा
मित्रों पर प्राथमिक
स्तर पर भर्ती हेतु
आवश्यक योग्यता इण्टर
+ बी.टी.सी. है.
२)- सभी शिक्षा मित्र
२०१० से पूर्व के नियुक्त हैं.
३)- ग्राम सभा या
वार्ड मेम्बर द्वारा की
गयी नियुक्तियां वैध हैं.
४)- राज्य सरकार को
हमारा समायोजन
नियम सम्मत करने का
पूरा अधिकार है.
५)- यदि कोर्ट ncte से
सहमत हो जाय तो हमें
टेट से छूट मिलेगी.
६)- हमारे सबसे बड़े
विरोधियों बी.एड.
वालों का प्राथमिक पर
कोई भी अधिकार नहीं
है.
७)- वर्तमान में यदि
बी.एड. तथा शिक्षा
मित्रों की भर्ती न की
जाय तो मात्र ५००००
बी.टी.सी. टेट ही
उपलब्ध हैं अर्थात्
शिक्षकों का भारी
अकाल.जिसके कारण
करीब अगले ७-८ वर्षों
तक प्राथमिक में शिक्षा
का बदहाल रहेगा.इसके
लिये शिक्षा मित्रों की
भर्ती जरूरी है क्योंकि
उनके पास २ वर्षीय
बी.टी.सी. तथा १५
वर्षों का अनुभव है.
यदि एक अच्छे वकील की
पैरवी और सबूतों का
साथ मिल जाय तो
शिक्षा मित्रों को
सुप्रीम कोर्ट में बड़ी
जीत हासिल करने से
कोई नहीं रोक सकता.
वह भी नियमों के अन्दर.
आप सब भी बतायें क्या
पत्र के बारे में मेरे
निष्कर्ष सही हैं और हाँ
पहले पत्र को ध्यान से
जरूर पढ़ लें .
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