शिक्षक बनाने का सपना दिखा हजारों बेरोजगारों से फर्जीवाड़ा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण संवाददाता, अंबाला : अध्यापक बनाने का सपना दिखाकर देशभर के हजारों बेरोजगारों से एक कंपनी ने फर्जीवाड़ा कर दिया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एजुकेशन प्रोग्राम फेस दो का झांसा देकर कंपनी ने न केवल हजारों बेरोजगारों के लिए परीक्षा आयोजित की बल्कि पेपर के नाम पर लाखों रुपये की ऑनलाइन किताबें भी बेच डाली। परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे लेकिन कोई सी¨टग प्लान नहीं था।
परीक्षार्थियों को दूसरे विषयों के पेपर पकड़ा दिए। इसमें अंबाला के करीब 65 परीक्षार्थी भी इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। प्रश्नपत्र भी पूरे नहीं थे। प्रदेशभर के परीक्षार्थियों के लिए चंडीगढ़ सेक्टर 45 व नोएडा सेक्टर 23 में परीक्षा केंद्र बनाए थे। कई अन्य राज्यों में भी परीक्षा कराई गई।
दरअसल 15 मई को सर्वपल्ली राधाकृष्णन एजुकेशन प्रोग्राम फेस दो के तहत कंपनी ने जूनियर, सीनियर व सहायक अध्यापक तीन कैटेगिरी के 1466 पदों के लिए अधूरी परीक्षा ली। अंबाला की प्रभजोत कौर, निशा, कामिनी, सुजाता, रीचा इत्यादि ने बताया कि ओएमआर शीट व प्रश्नपत्रों को देखकर ऐसे लग रहा था जैसे उसे पास ही कि किसी फोटोस्टेट की दुकान से ¨प्रट कराया गया हो। जिस परीक्षार्थी को जहां जगह मिली वहीं बिठा दिया गया। ओएमआर शीट पर परीक्षा केंद्र में मौजूद कर्मचारी ने हस्ताक्षर नहीं किए। पेपर में 49 प्रश्नपत्र थे जबकि ओएमआर शीट में 44। परीक्षार्थियों को दो पेपर तो जैसे-तैसे गलत थमा दिए गए लेकिन तीसरा पेपर नहीं दिया। कहा गया कि तीसरा पेपर इंटरव्यू के समय लिया जाएगा।
2015 में जारी किया था विज्ञापन
सितंबर 2015 में विभिन्न समाचार पत्रों में इसके लिए विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन में बिना बीएड के बीए और एमए पास युवकों के लिए तीन श्रेणियों में अध्यापक बनने के सुनहरे ख्वाब दिखाकर साढ़े आठ लाख का पैकेज देने की बात कही गई। अब कंपनी की वेबसाइट व दिल्ली स्थिति मुख्यालय का नंबर दोनों बंद हैं। परीक्षार्थियों को यह भी नहीं पता था कि किन-किन विषयों के कितने-कितने पद हैं व कंपनी उनको किन स्कूलों में भर्ती करेगी।
तीन कैटेगिरी के लिए 1350 रुपये
परीक्षा के लिए अलग-अलग कैटेगिरी बनाई गई थी। प्रत्येक कैटेगिरी के लिए 450 रुपये फीस रखी। वेबसाइट पर सिलेबस दिया गया। सिलेबस की ऑनलाइन किताबें व ¨प्रटिड किताबें कैटेगिरी के हिसाब से 850 से 3050 रुपये की बताई गई। बेरोजगार इस फेर में फंस गए और ज्यादातर ने 3050 रुपये खर्च कर ¨प्रटिड किताबें ही मंगवा ली।
वर्जन..
डीडीआर दर्ज कर ली है। गाजियाबाद से जुड़ा मामला है। वहां की पुलिस ने कंपनी के एक अधिकारी को भी गिरफ्तार कर लिया है। सारी ट्रांजेक्शन वहीं से हुई है। मामले की जांच की जा रही है।

कश्मीर ¨सह, जांच अधिकारी, सेक्टर 34 पुलिस स्टेशन, चंडीगढ़।
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