ग्रेटर नोएडा शिक्षा विभाग में शहर के पास के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती को
लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाया जाता है। साथ ही तैनाती को लेकर बड़ा गड़बड़झाला
भी होता है।
कुछ ऐसा ही गड़बड़झाला शिक्षकों की अस्थाई तैनाती को लेकर भी है। जिले में दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों में अस्थाई तैनाती दी गई है। शिक्षा निदेशक ने चार माह पूर्व आदेश जारी अस्थाई तैनाती को समाप्त करने का आदेश दिया था। विभाग ने आज तक आदेश पर अमल नहीं किया है।
ऐसे होता है खेल
अस्थाई तैनाती में भी बड़ा खेल होता है। जो शिक्षक दूर दराज गांव के स्कूलों में तैनात होते हैं। वह पास के स्कूलों में तैनाती पाने के लिए जुगाड़ लगाते हैं। जिसमें अस्थाई तैनाती का खेल शुरू होता है। जिले में भी दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को अस्थाई तैनाती दी गई है। अस्थाई तैनाती का मामला सत्र समाप्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। लेकिन जिले में ऐसा नहीं हुआ है।
मई में जारी हुआ आदेश
शिक्षा निदेशक बेसिक की ओर से 28 मई को आदेश जारी किया गया था। पत्र में कहा गया कि जानकारी में आया है कि जनपदों में शिक्षकों का संबद्धीकरण अपनी तैनाती के विद्यालय से अन्यत्र विद्यालय में कर दिया गया है। काफी शिक्षकों के संबद्धीकरण की प्रक्रिया पिछले लंबे समय से चल रही है। जो कि गलत है। आदेश दिया गया कि जो शिक्षक संबद्धीकरण की प्रक्रिया में हैं उनका संबद्धीकरण समाप्त कर दिया जाए। आदेश जारी होने के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सबकुछ बदस्तूर जारी है।
इन शिक्षकों की हुई है अस्थाई तैनाती
विभाग ने पिछले लंबे समय से लगभग दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को अस्थाई रूप से तैनाती दी हुई है। इसमें से कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां पर मात्र एक या दो शिक्षक ही तैनात हैं। विभाग ने वहां के शिक्षक को अस्थाई तैनाती के तहत शहर के पास के स्कूलों में तैनाती दे दी है। जहां पर छात्र संख्या के सापेक्ष शिक्षक ज्यादा हैं। विभाग ने अर्चना शिरोमणि, चारुल शर्मा, सरिता शर्मा, मुकेश कुमार, अमित शर्मा, अनूप कुमार, बलराज ¨सह, नरेंद्र कुमार, रुचि ¨सह, देवदत्त शर्मा, सुमन नागर सहित अन्य शिक्षकों को अस्थाई तैनाती दी है।
जिन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कम होती है वहां की व्यवस्था सुधारने के लिए अस्थाई तैनाती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह समाप्त हो चुकी है। जल्द ही ऐसे शिक्षकों की संबद्धीकरण की प्रक्रिया समाप्त की जाएगी।
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कुछ ऐसा ही गड़बड़झाला शिक्षकों की अस्थाई तैनाती को लेकर भी है। जिले में दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों में अस्थाई तैनाती दी गई है। शिक्षा निदेशक ने चार माह पूर्व आदेश जारी अस्थाई तैनाती को समाप्त करने का आदेश दिया था। विभाग ने आज तक आदेश पर अमल नहीं किया है।
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ऐसे होता है खेल
अस्थाई तैनाती में भी बड़ा खेल होता है। जो शिक्षक दूर दराज गांव के स्कूलों में तैनात होते हैं। वह पास के स्कूलों में तैनाती पाने के लिए जुगाड़ लगाते हैं। जिसमें अस्थाई तैनाती का खेल शुरू होता है। जिले में भी दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को अस्थाई तैनाती दी गई है। अस्थाई तैनाती का मामला सत्र समाप्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। लेकिन जिले में ऐसा नहीं हुआ है।
मई में जारी हुआ आदेश
शिक्षा निदेशक बेसिक की ओर से 28 मई को आदेश जारी किया गया था। पत्र में कहा गया कि जानकारी में आया है कि जनपदों में शिक्षकों का संबद्धीकरण अपनी तैनाती के विद्यालय से अन्यत्र विद्यालय में कर दिया गया है। काफी शिक्षकों के संबद्धीकरण की प्रक्रिया पिछले लंबे समय से चल रही है। जो कि गलत है। आदेश दिया गया कि जो शिक्षक संबद्धीकरण की प्रक्रिया में हैं उनका संबद्धीकरण समाप्त कर दिया जाए। आदेश जारी होने के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सबकुछ बदस्तूर जारी है।
इन शिक्षकों की हुई है अस्थाई तैनाती
विभाग ने पिछले लंबे समय से लगभग दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को अस्थाई रूप से तैनाती दी हुई है। इसमें से कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां पर मात्र एक या दो शिक्षक ही तैनात हैं। विभाग ने वहां के शिक्षक को अस्थाई तैनाती के तहत शहर के पास के स्कूलों में तैनाती दे दी है। जहां पर छात्र संख्या के सापेक्ष शिक्षक ज्यादा हैं। विभाग ने अर्चना शिरोमणि, चारुल शर्मा, सरिता शर्मा, मुकेश कुमार, अमित शर्मा, अनूप कुमार, बलराज ¨सह, नरेंद्र कुमार, रुचि ¨सह, देवदत्त शर्मा, सुमन नागर सहित अन्य शिक्षकों को अस्थाई तैनाती दी है।
जिन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कम होती है वहां की व्यवस्था सुधारने के लिए अस्थाई तैनाती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह समाप्त हो चुकी है। जल्द ही ऐसे शिक्षकों की संबद्धीकरण की प्रक्रिया समाप्त की जाएगी।
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