आज दिनाँक 17नवम्बर2016 को अपने केस CA4347-4375/2014 व् सभी कनेक्टेड केस की सुनवाई माननीय न्यायधीश दीपक मिश्रा जी व् माननीय न्यायधीश अमिताभ रॉय जी के कोर्ट नंबर 4 में आइटम नंबर 2 पर था।
आज ठीक 10:35 बजे कोर्ट बैठी चेयर पर बैठते हुए दीपक मिश्रा जी ने सामने देखा एडवोकेटस और विज़िटर्स से कोर्ट भरी हुई थी। मिश्रा जी मुश्कराये और बोले 'I knew' और फिर चेयर पर बैठ गए। सभी एडवोकेट्स अपना पक्ष रखना प्रारम्भ करते उससे पहले ही मिश्रा जी बोले 'No arguments' अब इस केस पर कोई नया अंतरिम आदेश अब कोर्ट नही देगी। मिश्रा जी कोशिस कर रहे थे कि सब वही बोलें फिर भी हमारी तरफ से मौजूद सभी एडवोकेट्स ने बारी बारी अपनी बात कही।
आज मिश्रा जी ही लगातार बोल रहे थे इस बीच हमारी तरफ से खड़े अधिवक्ताओं ने कहा कि लॉर्डशिप नेक्स्ट डेट तो सही है लेकिन स्टेट ऑफ़ यू पी इस बीच में कोई नियुक्ति नही देती है सिर्फ काउंटर ही आता है पालन नही होता। तब मिश्रा जी ने कहा कि "अभी तक कोर्ट द्वारा दिए गये सभी आदेशों का अनुपालन करे सरकार।" टेट की वैलिडिटी की बात पर मिश्रा जी स्वयं ही बोले कि मुझे इस बात का ध्यान है अंतिम आदेश पर हम उस पर भी विचार करेंगे तब तक वैद्यता मान्य रहेगी।
आज लगभग 18-20मिनट चली सुनवाई में दीपक मिश्रा जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि "जैसे आज सुबह 4बजे दिल्ली में भूकम्प से कर्टेन हिले, चेयर हिली, विंडो हिली, लेकिन हमारे ऊपर कोई प्रभाव नही।" मुश्कराते हुए उनका यह कहना दो तरफ इशारा कर रहा था। पहला यह कि आज ये केस लगा है और इतनी भीड़ आती है लगभग भूकम्प जैसा ही और दूसरा यह कि जब फाइनल हियरिंग पर मैं शिक्षामित्रों को बाहर करने का आदेश करूँगा तो उसका प्रभाव हम पर नही होगा।
दोस्तों हमेशा से कहता आया हूँ अंतिम फैसला निश्चित रूप से हमारे पक्ष में होगा और अगली सुनवाई पर सिर्फ हमारे केस के होने से व् पिछली कई तारिख से किसी नए अंतरिम आदेश को ना देने से ऐसा स्पस्ट रूप से समझा जा सकता है कि कोर्ट चाहती है कि वो जो भी अंतिम फैसला दे वो तत्काल प्रभाव से लागू हो और ऐसा तभी संभव है जब वर्तमान सपा सरकार अस्तित्व विहीन हो।
दोस्तों, आज सुनवाई के दैरान शिक्षामित्र केस की बात भी उठी तो मिश्रा जी ने स्पस्ट शब्दों में कहा कि दोनों केस एक दूसरे से जुड़े हुए है। अगली सुनवाई पर उस केस को भी मुख्य केस से जोड़ दिया है। आज हुई सुनवाई का नकारात्मक पक्ष सिर्फ यही है कि हमें यह तारिख दर तारिख के इंतज़ार जैसी लम्बी सजा मिलती है किंतु सकारात्मक पक्ष यह है कि "कोर्ट ने आज स्पस्ट शब्दों में कहा कि अभी तक के सभी अंतरिम आदेशों का पालन सरकार करे। टेट की वैलिडिटी अंतिम आदेश तक बरकरार रहेगी। और अगली सुनवाई पर पूरा दिन सिर्फ हमारे केस ही होगा लिस्ट में सुना जायेगा।"
फिलहाल सिर्फ इतना ही कहूँगा कि "अंतिम आदेश में शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद से बाहर होंगे और हम बीएड/टेट पास हमेशा के लिए पदासीन।"
इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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आज ठीक 10:35 बजे कोर्ट बैठी चेयर पर बैठते हुए दीपक मिश्रा जी ने सामने देखा एडवोकेटस और विज़िटर्स से कोर्ट भरी हुई थी। मिश्रा जी मुश्कराये और बोले 'I knew' और फिर चेयर पर बैठ गए। सभी एडवोकेट्स अपना पक्ष रखना प्रारम्भ करते उससे पहले ही मिश्रा जी बोले 'No arguments' अब इस केस पर कोई नया अंतरिम आदेश अब कोर्ट नही देगी। मिश्रा जी कोशिस कर रहे थे कि सब वही बोलें फिर भी हमारी तरफ से मौजूद सभी एडवोकेट्स ने बारी बारी अपनी बात कही।
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आज लगभग 18-20मिनट चली सुनवाई में दीपक मिश्रा जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि "जैसे आज सुबह 4बजे दिल्ली में भूकम्प से कर्टेन हिले, चेयर हिली, विंडो हिली, लेकिन हमारे ऊपर कोई प्रभाव नही।" मुश्कराते हुए उनका यह कहना दो तरफ इशारा कर रहा था। पहला यह कि आज ये केस लगा है और इतनी भीड़ आती है लगभग भूकम्प जैसा ही और दूसरा यह कि जब फाइनल हियरिंग पर मैं शिक्षामित्रों को बाहर करने का आदेश करूँगा तो उसका प्रभाव हम पर नही होगा।
दोस्तों हमेशा से कहता आया हूँ अंतिम फैसला निश्चित रूप से हमारे पक्ष में होगा और अगली सुनवाई पर सिर्फ हमारे केस के होने से व् पिछली कई तारिख से किसी नए अंतरिम आदेश को ना देने से ऐसा स्पस्ट रूप से समझा जा सकता है कि कोर्ट चाहती है कि वो जो भी अंतिम फैसला दे वो तत्काल प्रभाव से लागू हो और ऐसा तभी संभव है जब वर्तमान सपा सरकार अस्तित्व विहीन हो।
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दोस्तों, आज सुनवाई के दैरान शिक्षामित्र केस की बात भी उठी तो मिश्रा जी ने स्पस्ट शब्दों में कहा कि दोनों केस एक दूसरे से जुड़े हुए है। अगली सुनवाई पर उस केस को भी मुख्य केस से जोड़ दिया है। आज हुई सुनवाई का नकारात्मक पक्ष सिर्फ यही है कि हमें यह तारिख दर तारिख के इंतज़ार जैसी लम्बी सजा मिलती है किंतु सकारात्मक पक्ष यह है कि "कोर्ट ने आज स्पस्ट शब्दों में कहा कि अभी तक के सभी अंतरिम आदेशों का पालन सरकार करे। टेट की वैलिडिटी अंतिम आदेश तक बरकरार रहेगी। और अगली सुनवाई पर पूरा दिन सिर्फ हमारे केस ही होगा लिस्ट में सुना जायेगा।"
फिलहाल सिर्फ इतना ही कहूँगा कि "अंतिम आदेश में शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद से बाहर होंगे और हम बीएड/टेट पास हमेशा के लिए पदासीन।"
इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
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