Thursday 24 November 2016

जूनियर व प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए हाईकोर्ट के केस का विशेष महत्त्व नहीं: जूनियर टीईटी मोर्चा

प्रिय, जूनियर व् प्राथमिक मित्रो, इस HC में केस का कोई बहुत विषेस महत्व नही है। क्यों की 15 वा पहले से रद्द था। यदि कॉर्टचाहे तो उसका रिव्यु करे या ना करे। आप कोबिल्कुल परेशान होने कीजरूरत नही है। क्योंकि जो पहले ही हो चूका है। उसपर परेशान होने की कोई जरूरत नही।।
जो होगा वः SC से होगा। और SC से 15 वा कपिलदेव यादव की नौकरी 7dec2015)के साथ बहाल हो चूका है। 6जुलाई 2015 की सुनवाई में SC ने राज्य से अन्य राज्यो की नियमावली मंगाई थी राज्य ने 18 राज्यो की नियमावली दाखिल की। जहाँअकेडमिक अंको को चयन में रखा थाजिसपर कोर्ट सन्तुष्ट हो चुकी है। इसीलिए 2 nov 2015 की सुनवाई में कोर्ट ने यह मुद्दा नही उठा।
केवल weitage का मुद्दा उठा। और 4 queation में सब मिलाकर weitage ही रहा।। 7 dec 2015 की सुनवाई में जब राकेश द्विवेदी इस मुद्दे को सुनने पर जोर डाल रहे थे।तो कोर्ट जान चुकी थी की weitage जरूरी नही है। क्योंकि साधारण सी बात है कि कोई guideline कभी भी मूल अधिसूचना(23/08/2010 जहाँ tet को पात्रता माना गया है) को सुपरसीड नही कर सकती। ना ही कोई guideine या कोई नोटिफिकेशन किसी अधिनियम (RTE act) को सुपरसीड कर सकती है जहाँ23 में ncte को केवल minimum योग्यता तय करने का अधिकार है। अतः यह जानने के बाद ही 7dec 2015 को कपिल आदि को कोर्ट ने नौकरी दी। और याची राहत की नींव पड़ी। अब गेम पलट चूका है जो भी 30-11-11 का विरोध करेगा वः नौकरी पायेगा। क्योकि SC बगैर सर्विस रूल फॉलो किए 60000 भर्ती करा चुकी है। अब केवल उसे बचाने के लिए याचिओ को राहत दी जा रही है और SM टैग हो रहा । है। यह आप सब को साधारणतः समझना चाहिए की यदि HC के आर्डर में कोई गलती नही थी तो क्या 3साल SC में केस चलना चाहिए।क्या SM टैग होना चाहिए। क्या याची राहत मिलनी चाहिए। क्या SC को मेरिट पर सुनने से भागना चाहिए। ये सब केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि 60000 भर्ती बगैर रूल फॉलो किये हो चुकी है। और उनको बचाने के लिए SC याचियों की राहत दे रही है(SM व् रिक्त सीटों को ध्यान में रखकर) , यदि कोई यह सोचता है कि 12 वे संशोधन पर हुई भर्ती रद्द कर देगा तो वो गलत सोचता है।।। और यदि कोई यह सोचता है कि 15वे संशोधन पर हुई भर्ती रदद् करा देगा तो वः भी स्वप्न देख रहा है। HC के होने वाले आर्डर का कोई महत्व नही है।क्योंकि 15वा तो HC से पहले से रद्द था। नया क्या होगा।। माननीय SC से 12 वा संशोधन 30-11-11 की विज्ञप्ति तक व् 15 वा संशोधन आगे के लिए प्रभावी होगा।
SC ने 6 जुलाई 2015 को कहा था हम कोई नया नियम नही बनाने जा रहे है क्यों, क्योकि नियम बनाना राज्य का अधिकार है। कोर्ट केवल नियम के वैधानिकता की परीक्षा करती है। अतः जो कुछ लोग कहते है(acd plus tet) वः बेमानी है वः राज्य का काम है। कोर्ट का नही। SC ने अपने कई निर्णयों में कहा है कि कोई संशोधन रद (15) होने से पुराना संशोधन(12) अपने आप जिन्दा नही होता। अतः यदि कोई सोचता है कि 15 वा रद्द होने से 12वा अपने आप जिन्दा हो जायेगा तो वः गलत सोचता है। यह राज्य का काम है। यदि वः चाहे तो आज भी 17 व संशोधन लाकर फिर से tet मेरिट या अन्य कोई विकल्प ला सकती है । लेकिन ये राज्य कर सकतीः है कोर्ट नही। अर्थात कोर्ट रद्द तो कर सकती है लेकिन नियम नही बना सकती। यह विधायिका का कार्य है।
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Anuj singh >>



आज 2:15 से कोर्ट ख़त्म होने तक cj कोर्ट में जोरदार बहस हुई...
विपक्ष (सरकार व चयनित )आज पुनः बहस से भागना चाह रहे थे ,बहाना ये की महाधिवक्ता आज नहीँ हैं ,
बहस की शुरूवात प्रभाकर अवस्थी सर ने की ,
cj साहब के कहने पर सीनियर अधिवक्ता खरे सर को पहले बहस पूरी करने को कहा...
खरे सर ने tet मेरिट पर अच्छी बहस की...
इसके बाद चयनितो की ओर से सीनियर अधिवक्ता H.N singh सर ने acd मेरिट का पछ रक्खा..
जिनके तर्को का प्रभाकर भैया ने सही विश्लेषण करते हुये cj सर को बताया...
कुल मिलाकर cj सर भी ncte की गाइड लाइन और फुल बेंच के डिसीजन को समझ चुके हैं...
कल पुनः दमदार बहस के लिये हम सभी तैयारी कर रहे हैं..
आशा हैं कल बेरोजगारों के लिये कोर्ट से बेहतर आदेश आ जायें...
आपका शुभेच्छु
Anuj singh
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