बुलंदशहर।
प्रदेश में सत्ता परिर्वतन तो हो गया, लेकिन अधिकारी अपने आप को नहीं बदल
पा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में घोटालें और भ्रष्टाचार का बोलबाला आज
भी कायम है।
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रिटार्ड
शिक्षक राकेश पालिवान ने 17 अप्रैल को बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र
प्रभार अनुपमा जायसवाल और बुलंदशहर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को
ट्वीट करके बेसिक शिक्षा विभाग के घोटालों की शिकायत की थी। शिकायत के बाद
बुलंदशहर के डीएम आंजनेय कुमार सिंह हरकत में आ गए और सीडीओ व एडीएम
फाइनेंस को बीएसए कार्यालय की जांच करने के आदेश दे दिए।
डीएम
ने बताया कि रिजल्ट कार्ड छपने के लिए बीएसए द्वारा छोड़े गए टेंडर में
डीएम को फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी। जिसके बाद सीडीओ जसजीत कौर और एडीएम
फाइनेंस ब्रजेश कुमार ने बीएसए कार्यालय पर छापामार कार्रवाई कर महत्वपूर्ण
पत्रवलियों को कब्जे में लिया। रिजल्ट कार्डस के टेंडर सहित शिक्षकों के
स्थानांतरण, बहाली और कस्तूरबा स्कूलों की फाइलों को जब्त कर लिया गया है।
डीएम के आदेश पर सीडीओ ने सभी पत्रवलियों की जांच शुरू कर दी है।
सीडीओ
और एडीएम के कार्यालय में पहुंचते ही कार्यालय में बैठे बाबुओं में
अफरा-तफरी मच गई। बीएसए के बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि वह लखनऊ
किसी कार्य के लिए गए हुए है। सीडीओ और एडीएम ने शिक्षकों के स्थानांतरण
संबंधित पत्रवली व रिकार्ड को कब्जे में ले लिया। सीडीओ व एडीएम ने कुछ
पत्रवलियों को देखा, जिसमें उन्हें कुछ गड़बड़ी नजर आई। सीडीओ जसजीत कौर ने
बताया कि सभी पत्रवलियों को कब्जे में ले लिया गया है। बतादें कि सीडीओ
टेंडर संबंधित सभी पत्रवलियों को अपने साथ ले गई। शिक्षकों के निलंबन और
बहाली संबंधित सभी रिकार्ड भी ले लिए गए हैं। कितने स्कूलों में निरीक्षण
किया जाता है, इसके बारे में भी बाबुओं से जानकारी ली गई। सीडीओ जसजीत कौर
ने बताया कि जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी।
जिलाधिकारी
आंजनेय कुमार ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में एक टेंडर हुआ था जिसकी
शिकायत उन्हें मिली थी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी उनके पास बेसिक
शिक्षा विभाग की शिकायते थे जो विभिन्न अध्यापको और संघों के तरफ से थी,
जिनके निस्तारण के लिए बीएसए को कहा गया था। लेकिन बीएसए एक भी शिकायत का
निस्तारण नहीं कर पाए। डीएम ने बताया कि सभी शिकायतों के निस्तारण के लिए
सीडीओ और एडीएम फाइनेंस की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए
है।
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