ये मिली थीं शिकायतें :
इंटरव्यू में अधिक नंबर देकर चयन
बदल दी गईं मेधावियों की कॉपियां
बदल दी गई इंटरव्यू की व्यवस्था
परीक्षा केंद्र बनाने में हुई मनमानी
विशेषज्ञों के पैनल बनाने में मनमानी
आरक्षित पदों में बदलाव कर खेल
सामान्य के पदों पर ओबीसी का चयन
मुख्य परीक्षा की कॉपियों को जलाना
प्रधानमंत्री ने उठाया था कॉपी बदलने का मुद्दा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में हुई धांधली की जांच प्रदेश सरकार सीबाईआई से कराएगी। प्रदेश सरकार जल्द कैबिनेट की बैठक बुलाकर सीबीआई जांच की सिफारिश केन्द्र सरकार से करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रही है। सरकार के भरोसेमंद सूत्रों ने रविवार को ‘हिन्दुस्तान’ को यह जानकारी दी।इलाहाबाद मेंहोगी बैठक:सूत्रों ने बताया कि आगामी प्रयाग अर्धकुंभ की तैयारियों को लेकर प्रदेश कैबिनेट की एक बैठक इलाहाबाद में प्रस्तावित है। उसी बैठक में लोक सेवा आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। सरकार का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपी लोक सेवा आयोग का दफ्तर इलाहाबाद में है। कई आरोप थे:लोकसेवा आयोग पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में पीसीएस, पीसीएस-जे और कृषि तकनीकी सहायकों सहित कई भर्तियों में एक जाति विशेष और खास गांव के लोगों का चयन किए जाने के आरोप लगे थे। इसको लेकर लोक सेवा आयोग कार्यालय पर अभ्यर्थियों ने कई दिन तक धरना-प्रदर्शन किया था। भाजपा का चुनावी मुद्दा: लोक सेवा आयोग की भर्तियों में धांधली और डॉ. अनिल यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान इसे चुनावी मुद्दा बनाया था।
उस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने सपा सरकार पर बेरोजगार युवाओं के करियर के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। मौर्य ने यह भी कहा था कि डॉ. यादव के मार्फत सपा सरकार ने देकर एक जाति विशेष के लोगों की भर्तियां कराईं। भाजपा के चुनावी लोककल्याण संकल्प पत्र में वादा किया गया कि उसकी सरकार बनने पर डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल की भर्तियों की जांच सीबीआई से कराई जाएगी । प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अभ्यर्थियों की मांग पर सीएम योगी ने लोक सेवा आयोग में पीसीएस व अन्य सेवाओं के परिणाम पर रोक लगा दी। सैकड़ों भर्तियां दायरे में श्र
लखनऊ शोभित मिश्र
इलाहाबाद। सूबे में 2012 सपा सरकार के गठन के एक साल बाद 2 अप्रैल 2013 को डॉ. अनिल यादव को लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल में हुई ज्यादातर भर्तियां विवादित रहीं। पीसीएस 2011 से 2015 तक की भर्ती में कोई न कोई विवाद जरूर उठा। पीसीएस 2015 मेन्स की अभ्यर्थी सुहासिनी बाजपेई की कॉपी बदलने का प्रकरण, जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में किया था।
इंटरव्यू और तीन परीक्षाओं के परिणाम अटके
भर्तियां आ सकती हैं सीबीआई जांच के दायरे में
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
इंटरव्यू में अधिक नंबर देकर चयन
बदल दी गईं मेधावियों की कॉपियां
- कई प्रश्नों के उत्तर : शिक्षा मित्र ,72825,अकेडमिक भर्ती सहित सभी मामले सुरक्षित , निर्णय के आने की प्रतीक्षा
- Breaking News : उ प्र बेसिक शिक्षा परिषद की बैठक में पारित प्रस्ताव : uppss
- सरप्लस शिक्षकों के समायोजन पर उठे सवाल
- 7th Pay Commission Pay Scale Calculator: सातवें वेतन आयोग के अनुसार इतना मिलेगा वेतन
- सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश से होगा बड़ा उलटफेर : बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
- शिक्षामित्र मामले पर आगामी फैसले का संभावित सारांश : यस के पाठक
- आदेश जुलाई माह में , नियुक्ति के व्यापक अवसर मिलेंगे , सौ फीसदी : हिमांशु राणा
बदल दी गई इंटरव्यू की व्यवस्था
परीक्षा केंद्र बनाने में हुई मनमानी
विशेषज्ञों के पैनल बनाने में मनमानी
आरक्षित पदों में बदलाव कर खेल
सामान्य के पदों पर ओबीसी का चयन
मुख्य परीक्षा की कॉपियों को जलाना
प्रधानमंत्री ने उठाया था कॉपी बदलने का मुद्दा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में हुई धांधली की जांच प्रदेश सरकार सीबाईआई से कराएगी। प्रदेश सरकार जल्द कैबिनेट की बैठक बुलाकर सीबीआई जांच की सिफारिश केन्द्र सरकार से करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रही है। सरकार के भरोसेमंद सूत्रों ने रविवार को ‘हिन्दुस्तान’ को यह जानकारी दी।इलाहाबाद मेंहोगी बैठक:सूत्रों ने बताया कि आगामी प्रयाग अर्धकुंभ की तैयारियों को लेकर प्रदेश कैबिनेट की एक बैठक इलाहाबाद में प्रस्तावित है। उसी बैठक में लोक सेवा आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। सरकार का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपी लोक सेवा आयोग का दफ्तर इलाहाबाद में है। कई आरोप थे:लोकसेवा आयोग पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में पीसीएस, पीसीएस-जे और कृषि तकनीकी सहायकों सहित कई भर्तियों में एक जाति विशेष और खास गांव के लोगों का चयन किए जाने के आरोप लगे थे। इसको लेकर लोक सेवा आयोग कार्यालय पर अभ्यर्थियों ने कई दिन तक धरना-प्रदर्शन किया था। भाजपा का चुनावी मुद्दा: लोक सेवा आयोग की भर्तियों में धांधली और डॉ. अनिल यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान इसे चुनावी मुद्दा बनाया था।
उस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने सपा सरकार पर बेरोजगार युवाओं के करियर के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। मौर्य ने यह भी कहा था कि डॉ. यादव के मार्फत सपा सरकार ने देकर एक जाति विशेष के लोगों की भर्तियां कराईं। भाजपा के चुनावी लोककल्याण संकल्प पत्र में वादा किया गया कि उसकी सरकार बनने पर डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल की भर्तियों की जांच सीबीआई से कराई जाएगी । प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अभ्यर्थियों की मांग पर सीएम योगी ने लोक सेवा आयोग में पीसीएस व अन्य सेवाओं के परिणाम पर रोक लगा दी। सैकड़ों भर्तियां दायरे में श्र
लखनऊ शोभित मिश्र
इलाहाबाद। सूबे में 2012 सपा सरकार के गठन के एक साल बाद 2 अप्रैल 2013 को डॉ. अनिल यादव को लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल में हुई ज्यादातर भर्तियां विवादित रहीं। पीसीएस 2011 से 2015 तक की भर्ती में कोई न कोई विवाद जरूर उठा। पीसीएस 2015 मेन्स की अभ्यर्थी सुहासिनी बाजपेई की कॉपी बदलने का प्रकरण, जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में किया था।
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