योगी राज में अब यूपी में शिक्षामित्रों के साथ सहायक शिक्षकों की नौकरी नहीं आसान!

लखनऊ. अगर आपका सपना सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने का है तो ये खबर आपके लिए है। शिक्षक की नौकरी करना अब आसान नहीं है। शिक्षामित्र हो या शिक्षक नौकरी करने में तनिक भी चूक हुई तो सख्त सजा मिलेगी।
बुनियादी शिक्षा के तार कसने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों पर लगाम सकने की तैयारी कर रहा है।

तमाम सख्‍त फैसले लेने के बाद अब योगी सरकार ने सरकारी स्‍कूलों में शिक्षा का स्‍तर सुधारने के लिए कमर कस ली है। शिक्षकों की हीलाहवाली पर लगाम लगाने के लिए जहां उन्‍होनें तमाम सरकारी स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाने का आदेश दिया फिर आधार नम्बर अौर अब फोटो लगाने का भी आदेश दे दिया है।
नोटिस बोर्ड पर सभी शिक्षकों की फोटो लगने का निर्देश
गौरतलब हो कि बीते दिनों विभाग ने सभी स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर कार्यरत सभी शिक्षकों की फोटो लगाने का निर्देश दिया गया है। फोटो के साथ आधारकार्ड की संख्या देने के लिए भी कहा गया ताकि बच्चे और अभिभावक उन्हें पहचान सकें। यूपी सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि जो शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं उनकी पहचान करके उन पर सख्त कार्रवाई की जा सके। आपको बता दें कि ऐसी शिकायतें लगातार आती रहती हैं कि कई स्कूलों में कुछ पैसे देकर शिक्षक अपनी जगह किसी और को रख देते हैं। जिसके बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।
हेल्पलाइन नंबर होंगे जारी
इसके साथ ही स्कूल में तैनाती पूर्णकालिक शिक्षक, प्रधानाचार्य के साथ शिक्षामित्र व अनुदेशक की फोटो भी लगेंगे। हेल्पलाइन नंबर जारी होंगे जिससे संबंधित शिकायतें या सूचना दे सकें। शिक्षकों का ब्योरा अॉनलाइन करने पर सहमति बन चुकी है।
शिक्षकों के आधार नंबर अनिवार्य
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों के आधार कार्ड संख्या भी अब विभागीय रिकार्ड में दर्ज की जाएगी और शिक्षकों की पहचान भी अब उनके आधार से ही होगी। मानव संसाधन मंत्रालय ने इस संबंध में प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश जा कर दिए हैं।
बायोमीट्रिक मशीन और शिक्षक
वहीं बायोमेट्रिक मशीनों को प्रदेश के सभी स्कूलों में लगाने के लिए शासन की ओर से निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं, यही नहीं इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भी निर्देश जारी करके कहा गया है कि बायोमेट्रिक मशीन को लगाने के लिए जरूरी प्रबंध किए जाएं। ऐसे में सभी स्कूलों में यह मशीन लगने के बाद सभी शिक्षकों को अपना फिंगरप्रिंट इस मशीन पर दर्ज कराना होगा, जिससे की उनके स्कूल आने औऱ जाने के समय की जानकारी हासिल हो सके। वहीं दूसरी ओर बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज होने के फैसले से शिक्षकों में भारी हडकंप है।
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