उत्तर प्रदेश सरकार ने कम उपस्थिती वाले स्कूलों को बंद करने का फैसला सरकारी शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के* *माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध है। यह प्रदेश की पहले से ही जर्जर प्रारंभिक सरकारी शिक्षा व्यवस्था को और बदतर बनाएगा।
*बुनियादी शिक्षा हर धर्म और जाति के हर बच्चे का हक है। जब तक इन स्कूलों में बच्चे हैं, भले ही कम हों संविधान इन स्कूलों को बंद करने की इजाजत नहीं देता। शिक्षा के बिना विकास कैसे हो सकता है, यह बात समझ से परे है। सरकार ने इस फैसले से सरकारी स्कूलों को बंद करके प्राइवेट स्कूलों को मदद पहुचा कर शिक्षा के* *बाजारीकरण की ओर एक ओर कदम बढाया है. प्रदेश के 50 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में बुनियादी संरचनाओ के साथ अध्यापकों का बहुत अभाव है. न पुस्तकालय हैं न प्रयोगशालाएं, शौचालयों व खेल के मैदान की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। तराई के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बरसात में पानी भरा रहता है, उसके बाद महीनों पानी सूखने में लगते है. पढाई का आधा सत्र बीत जाने के बाद किताबें पहुचती हैं, यूनिफार्म और बस्ते के स्कूल में पहुचने की कोई समय सीमा नहीं है, सब सरकार की मर्जी पर है। अध्यापक तीन आवश्यक ड्यूटी जन गणना, चुनाव और आपदा के* *अतिरिक्त कोई ड्यूटी नहीं करेंगे, कानून बन जाने के बाद भी लागू नहीं हो पाया है. आज भी महीनों तक प्राइमरी के अध्यापक बोर्ड में ड्यूटी करने और कापी जांचने को मजबूर है. इस अवधि में स्कूल बंद रहते हैं. स्पष्ट है कि सरकार प्रारम्भिक शिक्षा में सुधार के लिए गंभीर नहीं है. प्रदेश सरकार का दायित्व है कि स्कूलों की गुणवत्ता सुधारे और उपस्थिती सुनिश्चित कराये.* *नागरिक समाज की भी जिम्मेदारी है कि वे सरकार को उसका दायित्व याद दिलवाएं. हम सभी संस्थाओं और संगठनों से भी अपील करते है कि प्रदेश के बच्चों और भावी पीढी के सुनहरे भविष्य के लिए, व् शिक्षाधिकार कानून में वर्णित बच्चों के अधिकारों के लिए आगे आयें. यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- SC के संभावित आर्डर : 12 वा और 15,16 इन दोनों संशोधन में से एक संशोधन ही बचेगा
- PPF प्लान NPF से कहीं ज्यादा बेहतर : 5000 रुपये प्रति माह का calculation
- 11 फरवरी की गाइड लाइन TET की अनिवार्यता को पुनः दोहरा दिया गया : एस के पाठक
- संघर्ष के 6 वर्षों में NCTE की भूमिका पर पोस्ट और उसका विस्तार : S K Pathak
- लखनऊ-यूपी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म, यह हुए आज की बैठक में फैसले
- बीटीसी की 84 हजार सीटों पर प्रवेश शुरू, परीक्षा नियामक प्राधिकारी आज जारी करेगा विस्तृत कार्यक्रम
*बुनियादी शिक्षा हर धर्म और जाति के हर बच्चे का हक है। जब तक इन स्कूलों में बच्चे हैं, भले ही कम हों संविधान इन स्कूलों को बंद करने की इजाजत नहीं देता। शिक्षा के बिना विकास कैसे हो सकता है, यह बात समझ से परे है। सरकार ने इस फैसले से सरकारी स्कूलों को बंद करके प्राइवेट स्कूलों को मदद पहुचा कर शिक्षा के* *बाजारीकरण की ओर एक ओर कदम बढाया है. प्रदेश के 50 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में बुनियादी संरचनाओ के साथ अध्यापकों का बहुत अभाव है. न पुस्तकालय हैं न प्रयोगशालाएं, शौचालयों व खेल के मैदान की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। तराई के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बरसात में पानी भरा रहता है, उसके बाद महीनों पानी सूखने में लगते है. पढाई का आधा सत्र बीत जाने के बाद किताबें पहुचती हैं, यूनिफार्म और बस्ते के स्कूल में पहुचने की कोई समय सीमा नहीं है, सब सरकार की मर्जी पर है। अध्यापक तीन आवश्यक ड्यूटी जन गणना, चुनाव और आपदा के* *अतिरिक्त कोई ड्यूटी नहीं करेंगे, कानून बन जाने के बाद भी लागू नहीं हो पाया है. आज भी महीनों तक प्राइमरी के अध्यापक बोर्ड में ड्यूटी करने और कापी जांचने को मजबूर है. इस अवधि में स्कूल बंद रहते हैं. स्पष्ट है कि सरकार प्रारम्भिक शिक्षा में सुधार के लिए गंभीर नहीं है. प्रदेश सरकार का दायित्व है कि स्कूलों की गुणवत्ता सुधारे और उपस्थिती सुनिश्चित कराये.* *नागरिक समाज की भी जिम्मेदारी है कि वे सरकार को उसका दायित्व याद दिलवाएं. हम सभी संस्थाओं और संगठनों से भी अपील करते है कि प्रदेश के बच्चों और भावी पीढी के सुनहरे भविष्य के लिए, व् शिक्षाधिकार कानून में वर्णित बच्चों के अधिकारों के लिए आगे आयें. यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
- कमाई का जरिया बन फर्जी शिक्षक संगठन, बीएड, बीटीसी टीईटी पास वालों को कोर्ट से न्याय दिलाने के नाम कर रहे ठगी
- B.Ed वालों के लिए बहुत ही जल्दी बड़ी भर्ती : मुख्यमंत्री
- कुछ पॉइंट है जो क्लियर कर दू, आर्डर में ये हो सकता है : Amit Srivastava
- सुप्रीम कोर्ट का फाइनल संभावित आर्डर : 172000 शिक्षामित्रों, 99000 अकैडमिक, 72000 टी ई टी मेरिट सबको समाप्त करके खुली प्रतियोगिता की संभावना
- कैसे होगा न्याय : ये संभव नही की 83 वाला नियुक्त रहे और 115 वाला कम्पटीशन दे
- जनरल ऑर्डर आएगा : सभी टेट पास रिक्त पदों के योग्य , सभी टेट 2011 पास को ये नौकरी मिलेगी
- UPTET SHIKSHAMITRA : शिक्षामित्रों की समायोजन और शिक्षकों की नियुक्ति के सम्बन्ध में हिमांशु राणा की फेसबुक पोस्ट
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines