राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर 17 हजार रुपये वाला आदेश फर्जी निकला है। परिषद सचिव संजय सिन्हा का कथित पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया में वायरल होते ही शिक्षामित्रों में हलचल तेज
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था, सुप्रीम कोर्ट बीते 25 जुलाई को समायोजन रद कर चुका है। इसके बाद से एक सप्ताह तक शिक्षामित्रों का प्रदेश में आंदोलन चला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर शिक्षामित्रों ने एक अगस्त को आंदोलन स्थगित कर दिया। इधर, शासन शिक्षामित्रों के संबंध में मंथन कर रहा है। इसी बीच मंगलवार को किसी अराजकतत्व ने परिषद सचिव सिन्हा के हस्ताक्षर से फर्जी आदेश जारी कर दिया। यह फर्जी पत्र सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को संबोधित है। इसमें यहां तक लिख दिया गया है कि सात दिन में समायोजित शिक्षामित्र अपने पुराने विद्यालय में 17 हजार मानदेय पर कार्यभार ग्रहण नहीं करते तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
परिषद सचिव का कथित पत्र कुछ ही देर में सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस पर परिषद सचिव सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके कहा है कि इसका संज्ञान न लिया जाए। शिक्षामित्रों के संबंध में अभी शासन स्तर पर मंथन हो रहा है, कोई अंतिम निर्णय हुआ ही नहीं है। परिषद सचिव ने स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तहरीर भी भेजी है, ताकि थाने में एफआइआर दर्ज करके अराजक तत्व पर प्रभावी कार्रवाई हो सके। सिविल लाइन इंस्पेक्टर सुनील दुबे ने बताया कि उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला है। 1परिषद से प्रस्ताव नहीं गया तो निर्णय कैसे : बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय से शिक्षामित्रों के समायोजन के समय प्रस्ताव नहीं मांगा गया था, बल्कि शिक्षा निदेशालय लखनऊ में ही इसे तैयार कराया गया था। ऐसे में अब परिषद शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने या फिर अन्य निर्णय कैसे ले सकती है। यह अधिकार सिर्फ शासन को है। वही सरकार को प्रस्ताव भेजेगा और कैबिनेट की मुहर लगने के बाद उस पर अंतिम निर्णय होगा।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- TET morcha : 10 अगस्त को लखनऊ में अहिंसात्मक जनांदोलन : यज्ञदत्त शुक्ला
- अखिलेश सरकार ने शिक्षामित्रों को अंधेरे में रखा था, हम करेंगे समाधान: शाही
- वोट बैंक की राजनीति का शिक्षामित्रों पर असर ,सुप्रीम कोर्ट की गेंद पर क्लीन बोल्ड हुये शिक्षामित्र
- रवीश कुमार ने शिक्षामित्रों को समझाया आंदोलन का तरीका
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था, सुप्रीम कोर्ट बीते 25 जुलाई को समायोजन रद कर चुका है। इसके बाद से एक सप्ताह तक शिक्षामित्रों का प्रदेश में आंदोलन चला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर शिक्षामित्रों ने एक अगस्त को आंदोलन स्थगित कर दिया। इधर, शासन शिक्षामित्रों के संबंध में मंथन कर रहा है। इसी बीच मंगलवार को किसी अराजकतत्व ने परिषद सचिव सिन्हा के हस्ताक्षर से फर्जी आदेश जारी कर दिया। यह फर्जी पत्र सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को संबोधित है। इसमें यहां तक लिख दिया गया है कि सात दिन में समायोजित शिक्षामित्र अपने पुराने विद्यालय में 17 हजार मानदेय पर कार्यभार ग्रहण नहीं करते तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
परिषद सचिव का कथित पत्र कुछ ही देर में सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस पर परिषद सचिव सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके कहा है कि इसका संज्ञान न लिया जाए। शिक्षामित्रों के संबंध में अभी शासन स्तर पर मंथन हो रहा है, कोई अंतिम निर्णय हुआ ही नहीं है। परिषद सचिव ने स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तहरीर भी भेजी है, ताकि थाने में एफआइआर दर्ज करके अराजक तत्व पर प्रभावी कार्रवाई हो सके। सिविल लाइन इंस्पेक्टर सुनील दुबे ने बताया कि उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला है। 1परिषद से प्रस्ताव नहीं गया तो निर्णय कैसे : बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय से शिक्षामित्रों के समायोजन के समय प्रस्ताव नहीं मांगा गया था, बल्कि शिक्षा निदेशालय लखनऊ में ही इसे तैयार कराया गया था। ऐसे में अब परिषद शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने या फिर अन्य निर्णय कैसे ले सकती है। यह अधिकार सिर्फ शासन को है। वही सरकार को प्रस्ताव भेजेगा और कैबिनेट की मुहर लगने के बाद उस पर अंतिम निर्णय होगा।
- UPTET 2017: सितम्बर में होगी यूपी टीईटी 2017, शिक्षामित्र भी होंगे आवेदन के पात्र
- तबीयत बिगड़ने से हुई शिक्षामित्र की मौत, परिवार पर टूटा पहाड़
- सरकार ने सार्थक पहल न की तो पुनः होगा आंदोलन: गाजी इमाम आला
- शिक्षामित्रों ने सांसद को सौंपा ज्ञापन, 25 शिक्षामित्रों की अब तक सदमें से हो चुकी मौत
- शिक्षामित्रों की नियुक्ति एक जुगाड़ था, जो नहीं चला: डॉ. एसबी मिश्रा प्रधान सम्पादक की कलम से
- टीम संघ सुप्रीम कोर्ट एक्सलूसिव अपडेट जजमेंट 25 जुलाई 2017 समीक्षा: ओम नारायण तिवारी
- क्या कर सकती है सरकार शिक्षामित्रों के लिए: पढ़ें एक नजर में
- शिक्षा मित्र व्यवस्था अब सिर्फ 2 साल या थोड़ा और (छोटी अवधि ) की.........देखें सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर
- शिक्षामित्र पर सुप्रीमकोर्ट के ऑर्डर की सरल व्याख्या हिंदी में: पढ़े कुलदीप सिंह की कलम से
- मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद गाजी और शाही का बयान
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हस्ताक्षर को लेकर प्रधानाध्यापक परेशान: विभागीय दिशा निर्देशों के अभाव में शिक्षकों में उहा पोह
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments