वाराणसी : काशी दौरे के दौरान शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के घेराव का फैसला किया है। इसके लिए शिक्षामित्र रणनीति बनाने में
जुट गए हैं। इसमें प्रदेश भर के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के शामिल
होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके लिए प्रदेश स्तर पर शिक्षामित्रों से काशी में जुटने का आह्वान किया गया है।
शिक्षामित्रों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन के हांथ-पांव फूल गए हैं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर भी सर्तकता बरती जा रही है। शिक्षामित्रों ने डीरेका में आयोजित जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री के घेराव की तैयारी की है। शिक्षामित्रों की गतिविधियों को लेकर खुफिया तंत्र सतर्क हो गया है। एलआइयू की ओर से हर पल शिक्षामित्रों की रिपोर्ट शासन तक भेजी जा रही है। समायोजन, समान कार्य-समान वेतन की मांग को लेकर चार दिनों तक दिल्ली में धरने के बाद भी शिक्षामित्रों के समस्या का समाधान नहीं हो पाया। इसके बाद शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखने का मन बनाया है।
पहले भी कर चुके हैं बवाल
इसके पहले भी प्रधानमंत्री के काशी दौरे के दौरान शिक्षामित्रों ने खूब बवाल किया था। प्रधानमंत्री से मिलने की जिद में अड़े शिक्षामित्रों से हार मानकर प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से पीएम की मुलाकात कराई थी। उस वक्त पीएम ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
'प्रधानमंत्री हमारी आखिरी आस हैं। प्रदेश भर के शिक्षामित्रों को प्रधानमंत्री से न्याय की उम्मीद है। डीरेका में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान शिक्षामित्र उनका घेराव कर न्याय की मांग करेंगे। शिक्षामित्रों से जुटने का आह्वान किया गया है।
-अमरेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन
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इसके लिए प्रदेश स्तर पर शिक्षामित्रों से काशी में जुटने का आह्वान किया गया है।
शिक्षामित्रों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन के हांथ-पांव फूल गए हैं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर भी सर्तकता बरती जा रही है। शिक्षामित्रों ने डीरेका में आयोजित जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री के घेराव की तैयारी की है। शिक्षामित्रों की गतिविधियों को लेकर खुफिया तंत्र सतर्क हो गया है। एलआइयू की ओर से हर पल शिक्षामित्रों की रिपोर्ट शासन तक भेजी जा रही है। समायोजन, समान कार्य-समान वेतन की मांग को लेकर चार दिनों तक दिल्ली में धरने के बाद भी शिक्षामित्रों के समस्या का समाधान नहीं हो पाया। इसके बाद शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखने का मन बनाया है।
पहले भी कर चुके हैं बवाल
इसके पहले भी प्रधानमंत्री के काशी दौरे के दौरान शिक्षामित्रों ने खूब बवाल किया था। प्रधानमंत्री से मिलने की जिद में अड़े शिक्षामित्रों से हार मानकर प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से पीएम की मुलाकात कराई थी। उस वक्त पीएम ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
'प्रधानमंत्री हमारी आखिरी आस हैं। प्रदेश भर के शिक्षामित्रों को प्रधानमंत्री से न्याय की उम्मीद है। डीरेका में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान शिक्षामित्र उनका घेराव कर न्याय की मांग करेंगे। शिक्षामित्रों से जुटने का आह्वान किया गया है।
-अमरेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन
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