पढ़ाई-लिखाई के साथ विश्वविद्यालय अब सामाजिक सरोकारों में भी बढ़- चढ़कर हाथ बटाएंगे। सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा है। इसकी शुरुआत सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की गंदी आदत के खिलाफ अभियान से होगी।
सरकार का मानना है कि मौजूदा समय में यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। इससे बीमारियां फैलती हैं। कुलपतियों को लिखे पत्र में यूजीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय इस काम में बेहतर भूमिका निभा सकते हैं। इसके तहत वह छात्रों और राष्ट्रीय सेवा योजना के जरिये एक बड़ा अभियान शुरू कर सकते हैं। साथ ही अपने शहर और आस-पास के क्षेत्रों को इस गंदी आदत से मुक्ति दिला सकते हैं। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने की यह नसीहत ऐसे समय दी है, जब सरकार ने पहले से ही स्वच्छता को लेकर देश भर में एक बड़ा अभियान चला रखा है। सरकार का मानना है कि इस तरह के अभियानों की सफलता तभी संभव है, जब इनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। ऐसे में विवि इनमें एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। गौरतलब है कि सरकार ने थूकने के खिलाफ मुहिम को शुरू करने के निर्देश ऐसे समय दिए है, जब खुले में शौच जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उनके अभियान को भारी सफलता मिल रही है।
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