टीईटी उत्तीर्ण को उच्च प्राथमिक में प्रोन्नति मिले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्राथमिक विद्यालय से उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति पाने के लिए शिक्षक का टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
बिना टीईटी उत्तीर्ण प्राथमिक विद्यालय का सहायक अध्यापक या प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति नहीं पा सकता है। दर्जनों अध्यापकों की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया है।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि प्राथमिक से उच्च प्राथमिक के सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के लिए एनसीटीई के 12 नवंबर 2014 को जारी रेग्युलेशन के नियम चार (बी) का पालन किया जाए। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सीमांत सिंह तथा बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से भूपेंद्र यादव आदि ने पक्ष रखा। याचीगण जीतेंद्र शुक्ला और राहुल यादव आदि का कहना था कि बेसिक शिक्षा परिषद ने 23 मार्च 2018 को सकरुलर जारी कर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन, इसमें टीईटी की अनिवार्यता को शामिल नहीं किया गया है। जबकि एनसीटीई के 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक और उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापक या प्रधानाध्यापक के लिए अलग-अलग टीईटी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कोर्ट ने एनसीटीई के अधिवक्ता से इस पर जानकारी मांगी थी। एनसीटीई के अधिवक्ता ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति के लिए टीईटी अनिवार्य है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही प्रोन्नति देने का निर्देश दिया है।