सरकारी माध्यमिक शिक्षा के तदर्थ शिक्षकों को नए साल में नियमितीकरण का
तोहफा दे सकती है। विभाग ने इसका प्रस्ताव कैबिनेट को भेजने की तैयारी कर
ली है। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद इस साल के अंत तक नियमितीकरण के आदेश
जारी होने की उम्मीद है।
प्रदेश में सहायता प्राप्त हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों
की कमी को पूरा करने के लिए अस्थायी व्यवस्था के तहत 1993 से 25 जनवरी
2001 के बीच 1921 तदर्थ शिक्षक नियुक्त किए गए थे।
सपा
राज में 22 मार्च 2016 को अधिसूचना जारी कर करीब 800 तदर्थ शिक्षकों को
नियमित किया गया था। अब बाकी बचे तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाएगा।
डीआईओएस से मांगी सूचनाएं
इस
संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से
सूचना मांगी है। इसके बाद कैबिनेट के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया
जाएगा।
कोर्ट के आदेश से मिल रहा था वेतन
शिक्षकों की
कमी पूरी करने के लिए नियुक्त किए गए तदर्थ शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों की
नियुक्ति के बाद भी नहीं हटाया गया। हालांकि लंबे अर्से तक काम करने के
बाद सरकार ने उन्हें हटाने के निर्देश दिए तो तदर्थ शिक्षकों ने उच्च
न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय के आदेश पर ही इन्हें वेतन दिया जा रहा
है।
मामले पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का
कहना है, 'तदर्थ शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उच्च
न्यायालय का भी आदेश है, उन्हें नियमित किया जाए। इसके लिए कैबिनेट
प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है।'