शिक्षामित्रों के मानदेय को महंगाई से जोड़ा जाएगा और उनकी समस्याओं का
स्थाई समाधान निकाला जाएगा। वहीं अगली शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में
कटऑफ अंक खत्म किए जा सकते हैं।
यह आश्वासन उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश
शर्मा ने एक बैठक के दौरान दिया। वहीं 68500 शिक्षक भर्ती में सरकार कटऑफ
कम करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।
शिक्षामित्रों ने कहा कि उन्हें गैर शैक्षिक संवर्ग में समायोजित किया
जाए। समायोजन होने तक शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाया जाए। 12 माह और 62
वर्ष तक की आयु तक सेवाएं दी जाएं। वही शिक्षा मित्रों ने टीईटी से छूट के
लिए एनसीटीई को पत्र लिखने का सुझाव भी दिया। इस पर उपमुख्यमंत्री ने
उन्हें आश्वस्त किया।
आपको बता दें कि ऊंचे कटऑफ के चलते सहायक शिक्षक भर्ती के पहले चरण में
68,500 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में मुश्किल से एक चौथाई शिक्षामित्र
ही पास हो सके हैं। फिलहाल दूसरे चरण में आने वाली भर्ती में कटऑफ को खत्म
करने की तैयारी की जा रही है।
सोमवार को शिक्षामित्रों के मामले में हाई पावर कमेटी की बैठक में
शिक्षामित्रों टीईटी अभ्यर्थियों, अनुदेशकों, उर्दू शिक्षक भर्ती के
अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडलों को बुलाया गया और उनसे अपने सुझाव नोट
कराने को कहा।
शिक्षामित्रों ने लिखित परीक्षा में भी भारांक दिए जाने की मांग रखी है।
अभी तक शिक्षामित्रों को भर्ती में प्रतिवर्ष सेवा के लिए 2.5 अंक भारांक
दिए जाने की व्यवस्था है। यह अधिकतम 25 हो सकते हैं। बैठक में राज्यमंत्री
संदीप सिंह माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय अग्रवाल बेसिक
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार, गृह विभाग के प्रमुख
सचिव अरविंद कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग की सचिव मनीषा त्रिघाटिया और
निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह मौजूद रहे।
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