68500/ 41556 शिक्षक भर्ती में विशेष जिलों में बढ़े सभी पदों पर नहीं हुआ आवंटन, शिक्षक भर्ती का जिला आवंटन मेधावियों के नहीं उतर रहा गले

इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती का जिला आवंटन मेधावियों के गले नहीं उतर रहा है। इसमें सिर्फ ऊंची मेरिट वालों को दूर व कम अंक पाने वालों को गृह जिला ही नहीं मिला है, बल्कि प्रदेश के विशेष जिलों में बढ़ाए गए सभी पदों पर भी आवंटन नहीं हो सका है। खास जिलों की तमाम सीटें अब भी खाली हैं।
एनआइसी ने शासन की प्राथमिकता होने के बाद भी इन जिलों पर गौर नहीं किया। कहा जा रहा है कि पहली चयन सूची में तमाम अभ्यर्थी इन जिलों में भेजे गए, जबकि दूसरी सूची में ऐसे नाम गिने-चुने हैं।

शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों के चयन से पहले विकास में पीछे छूटे प्रदेश के आठ जिलों पर बेसिक शिक्षा महकमा मेहरबान हुआ। 41556 पदों में से एक तिहाई 13920 विशेष जिलों को आवंटित हुए। परिषद मुख्यालय ने इन जिलों को पूर्व में आवंटित कुल पदों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। बाकी भर्ती के दो तिहाई 27636 पद प्रदेश के अन्य 67 जिलों में बांटे गए। असल में केंद्र सरकार ने देश के 115 जिलों को एस्पिरेशनल जिला यानी विकास में पिछड़ा घोषित किया है, इन जिलों में तेजी से विकास कार्य कराने के प्रयास हो रहे हैं। इनमें प्रदेश के आठ जिले आते हैं। शासन के निर्देश पर परिषद मुख्यालय ने इन जिलों से पहले शिक्षकों का अंतर जिला तबादला नहीं किया और बाद में रिक्त पदों को भरने के लिए अतिरिक्त आवंटन हुआ। एस्पिरेशनल जिला फतेहपुर में 2000, चंदौली में 1520, सोनभद्र में 1760, सिद्धार्थ नगर में 1840, चित्रकूट में 1040, बलरामपुर में 1600, बहराइच में 2720 और श्रवस्ती में 1440 पद आवंटित हुए। इनकी कुल संख्या 13920 रही। इन पदों पर 31 अगस्त को जारी पहली चयन सूची में तमाम अभ्यर्थी भेजे गए, जबकि दूसरी चयन सूची में यहां भेजे जाने वालों की संख्या बहुत कम है। इन जिलों में बड़ी संख्या में पद अब भी रिक्त हैं। सरकार भले ही इन जिलों में शिक्षक भेजने का दबाव बना रही है लेकिन, एनआइसी व विभागीय अफसरों ने गौर नहीं किया है।