राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : विभिन्न आयोगों से होने वाली भर्ती में
गड़बड़ी की सीबीआइ जांच, खाली पदों को भरे जाने में लेटलतीफी और चयन
प्रक्रिया को पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त कर रोजगार को मौलिक अधिकार में
शामिल करने संबंधित मांगों पर प्रतियोगियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर
एकजुटता दिखाई।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एडीएम को सौंपा।
इसमें परीक्षा संस्थाओं के साथ सरकार पर भी आरोप लगाए गए। खासकर इस
प्रदर्शन में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में व्यापक रूप से हुई गड़बड़ी का
मुद्दा उठा। युवा मंच के बैनर तले पहले यूनिवर्सिटी के आसपास जुलूस निकाला
गया, भर्तियों में धांधली को लेकर नारेबाजी की फिर सभी, जिलाधिकारी
कार्यालय पहुंचे। अध्यक्ष अनिल सिंह, संयोजक राजेश सचान आदि ने परीक्षा
संस्थाओं की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। परिषदीय विद्यालयों में
68500 सहायक अध्यापक भर्ती, यूपीपीएससी की ओर से कराई गई एलटी ग्रेड शिक्षक
भर्ती समेत डेढ़ साल में हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच हाईकोर्ट की
निगरानी में कराए जाने की मांग की। अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि 68500
सहायक अध्यापक भर्ती में केवल जन दबाव में निलंबन की कार्रवाई की गई,
एफआइआर नहीं दर्ज कराई गई। ऐसे में सरकार पर कैसे भरोसा किया जाए। सामाजिक
कार्यकर्ता अतुल तिवारी ने रोजगार को मौलिक अधिकार में शामिल किए जाने की
मांग की।