मंत्री से मुलाकात न होने पर नाराज सैकड़ों अभ्यर्थी निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय जुट गए और वहां प्रदर्शन किया। हालांकि मामले की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री ने सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही इसमें देरी करने की वजह और इसके जिम्मेदार अफसरों की रिपोर्ट भी तलब करते हुए जांच के आदेश भी दे दिए।
देर शाम तक चलता रहा प्रदर्शन
सुबह करीब 9 बजे से सैकड़ों अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय के गेट पर जमा होने लगे। कुछ ही देर में अभ्यर्थियों का हुजूम उमड़ा पड़ा। अभ्यर्थी प्रवीण कुमार, अंकुर मिश्र और गोपाल मिश्र का कहना था कि हम लोगों ने परीक्षा पास कर ली है, लेकिन गलत आरक्षण व्यवस्था और कटऑफ की वजह से सिर्फ 34,500 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई, जिसमें सामान्य वर्ग के करीब 5696 अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रवादी छात्र कांग्रेस उप्र के प्रदेश अध्यक्ष शशांक शेखर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का समर्थन करने पहुंचे। इसके अलावा बीटीसी प्रशिक्षु शिक्षक संघ ने भी निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मांगों को लेकर अभ्यर्थियों ने देर शाम तक निदेशालय पर प्रदर्शन जारी रखा। इस बीच सीएम की तरफ से जारी आदेश की जानकारी होने पर प्रदर्शनकारियों ने अपने आंदोलन को वापस ले लिया।
यहां फंसा था पेंच
शासन ने 68,500 पदों पर सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा कराई थी। जिसमें आरक्षण लागू किया जाना था। परीक्षा में 41,556 अभ्यर्थी सफल हो गए। ऐसे में शासन ने करीब 20,500 पद घटाते हुए सिर्फ 41,556 पदों पर आरक्षण लागू कर दिया। जिसकी वजह से 20,500 पद अनारक्षित हो गए। इसमें शिक्षा मित्रों को 25 गुणांक का भारांक दिया गया। इससे शिक्षा मित्रों की मेरिट ऊंची पहुंच जाने की वजह से वे भी अनारक्षित सीट में आ गए। इसके अलावा सात हजार अनारिक्षत सीटों पर ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग वाले भी आ गए। नतीजा, अनारक्षित मेरिट सूची 62.5 गुणांक तक पहुंच गई। इसी वजह से सामान्य वर्ग के 5656 अभ्यर्थी बाहर हो गए।