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यूपी में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले युवाओं को बड़ा झटका दे सकती है सरकार

लखनऊ। लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार ने दो चरणों में 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन करने का प्लान किया था।
इसमें एक बार की परीक्षा तो आयोजित की गई लेकिन उसके परिणाम आने के बाद ये भर्ती परीक्षा विवादों में फंस गई। सरकार की पूर्व योजना के तहत दूसरे चरण की 68500 सहायक शिक्षक भर्ती की परीक्षा दिसंबर के अंत तक आयोजित कराने की योजना थी लेकिन पहली बार में हुई परीक्षा में धांधली के बाद शिक्षक भर्ती को लेकर खामोशी छाई हुई है।

68500 शिक्षक भर्ती पर परीक्षा पर लगे धांधली के आरोप

बता दें कि 68500 शिक्षक भर्ती की परीक्षा प्रक्रिया ने अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षाओं को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। इसके तहत जहां एक ओर अक्तूबर में होने वाली टीईटी परीक्षा को नवंबर में सिफ्ट किया गया है वहीं 68500 पदों पर दूसरी शिक्षक भर्ती परीक्षा अटक सकती है।

टीईटी की डेट भी शिफ्ट

टीईटी 2018 के आयोजन को लेकर शासन और परीक्षा नियामक कार्यालय पूरी तैयारी में है, लेकिन शिक्षक भर्ती को लेकर संकट के बादल छाए हुए हैं। पहली शिक्षक भर्ती के विवादों में फंसने के बाद से शासन स्तर पर भी सतर्कता बढ़ गई है। भर्ती प्रक्रिया के नए विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में अभ्यर्थियों का इंतजार बढ़ सकता है।

परीक्षा आय़ोजन एजेंसी को बदल सकती है सरकार

पहली शिक्षक भर्ती परीक्षा में एजेंसी पर उठ रहे सवालों के बाद सूत्रों की मानें तो सरकार दूसरी शिक्षक भर्ती कराने के लिए नई एजेंसी का चयन भी कर सकती है। इतना ही नहीं लिखित शिक्षक भर्ती के परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव किया जा सकता है। बता दें कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से परिषदीय विद्यालयों के लिए हुई पहली शिक्षक भर्ती परीक्षा लगातार विवादों में रही।

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