इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने अखिलेश यादव व
मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में भर्तियों में गड़बड़ी का राजफाश 12 जुलाई
को किया। बोर्ड का दावा था कि 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता व स्नातक
शिक्षक (टीजीटी-पीजीटी) के ऐसे विषयों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हुई, जो
विषय ही प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में नहीं हैं। बोर्ड ने 2016 में जारी
टीजीटी-पीजीटी के आठ विषयों का विज्ञापन निरस्त कर दिया था। अब निरस्त हुए
विषयों के प्रभावित अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो
रही है।1चयन बोर्ड के अनुसार टीजीटी के छह विषयों में 318 व पीजीटी के दो
विषयों के तीन पद हैं। इन 321 पदों के लिए प्रदेश के 69 हजार 297
अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। वहीं, 2016 में पांच नए विषयों का
विज्ञापन जारी करके आवेदन लिए गए, जबकि ये विषय माध्यमिक कालेजों में नहीं
है।
केवल एक विषय के लिए अर्ह : सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि निरस्त होने
वाले विषयों में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को अब यह अवसर दिया जा रहा है
कि अपनी अर्हता के अनुसार विज्ञापित अन्य विषयों के पदों पर ऑनलाइन आवेदन
कर सकते हैं, इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके लिए एनआइसी की
वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। दोबारा आवेदन 17 सितंबर मध्यान्ह 12 बजे
से शुरू होकर 16 अक्टूबर को मध्य रात्रि तक हो सकेगा। अभ्यर्थी विज्ञापन
के अन्य केवल एक विषय में ही आवेदन कर सकते हैं। यदि निरस्त होने वाले विषय
के अभ्यर्थी अन्य विषयों में ऑनलाइन आवेदन करने के इच्छुक नहीं होंगे तो
उन्हें चयन बोर्ड को सूचना देनी होगी। पूर्व में जमा उनका शुल्क वापस कर
दिया जाएगा। यही नहीं सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों के दूसरे विषयों में आवेदन
मान्य होंगे, जिनके विषय का विज्ञापन निरस्त हुआ है। जिन्होंने पहले आवेदन
किया है उन्हें दोबारा आवेदन की आवश्यकता नहीं है, उनके आवेदन को वैध माना
जा रहा है।
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