नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित टीईटी परीक्षा समेत शिक्षा सुधार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में
उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें टीईटी परीक्षा की तारीख को बदलने का
ऐलान किया गया. यूपी-टीईटी की परीक्षा अब 4 नवंबर की जगह 18 नवंबर को
आयोजित की जाएगी.
बैठक में आगामी शिक्षक भर्ती से जुड़ी तारीखों में भी बदलाव करने का फैसला किया गया. इसकी घोषणा बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने की है. उन्होंने बताया कि 1 से 3 नवंबर तक बीटीसी की फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा फिर से आयोजित कराई जाएगी. दोनों ही परीक्षाओं के रिजल्ट 10 दिसंबर तक जारी कर दिए जाएंगे.
11 दिसंबर में शुरू होगी शिक्षक भर्ती परीक्षा
बीटीसी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि पेपर लीक होने से जिस किसी अभ्यर्थी को नुकसान पहुंचा है, उसे दूर किया जाएगा. 11 से 25 दिसंबर तक अगली शिक्षक भर्ती परीक्षा का रजिस्ट्रेशन ओपन कर दिया जाएगा और 6 जनवरी को भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि सीएम चाहते हैं कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए.
सीएम ने ली बैठक
बेसिक शिक्षा विभाग की परीक्षाओं में गड़बडिय़ों और पेपर आउट होने की घटनाओं से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ ये बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ.प्रभात कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस व एसटीएफ के अधिकारी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री का जोर इस पर था कि पेपर आउट होने से कोई भी योग्य अभ्यर्थी शिक्षक बनने का मौका न चूके. वहीं, परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी जल्दी दूर की जाए. आपको बता दें कि बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा आठ, नौ और 10 अक्टूबर को होनी थी, जिसका पेपर आउट होने से परीक्षा निरस्त कर दी गई थी.
ये थी मांग
यूपीटीईटी चार नवंबर को कराए जाने पर बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देने वालों की मांग थी कि निरस्त परीक्षा पहले कराई जाए, जिससे कि वो शिक्षकों की अगली भर्ती में शामिल होने से न रह जाएं. इस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा, यूपीटीईटी तथा 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण के लिए प्रस्तावित लिखित परीक्षा की समय-सारिणी तय करने का निर्देश दिया. बैठक में ही इन परीक्षाओं की तारीखें और समय-सारिणी तय किए गए.
एग्जाम का पैटर्न भी बदला
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अब लघु उत्तरीय प्रश्न की जगह बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे. उन्होंने बताया कि लघु उत्तरीय सवाल के मूल्यांकन में मूल्यांकनकर्ता के विवेक की भी भूमिका रहती है. सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर बहुविकल्पीय सवाल ही पूछने का फैसला किया है. बहुविकल्पीय सवाल ओएमआर आधारित होंगे.
रासुका के तहत हो कार्रवाई
वहीं, सीएम ने आदेश दिए कि बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर का पेपर आउट कराने के दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए. गौरतलब है कि पेपर लीक होने की घटना की जांच एसटीएफ कर रही है. शुक्रवार (12 अक्टूबर) को बेसिक शिक्षा विभाग की परीक्षाओं के सिलसिले में बुलाई गई बैठक में एसटीएफ ने अपनी जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी. मुख्यमंत्री ने एसटीएफ के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिस प्रेस में बीटीसी का पेपर छपा, वहां से लेकर परीक्षा केंद्र तक जो भी प्रश्नपत्र आउट कराने के लिए चिन्हित किये जाएं, उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
बैठक में आगामी शिक्षक भर्ती से जुड़ी तारीखों में भी बदलाव करने का फैसला किया गया. इसकी घोषणा बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने की है. उन्होंने बताया कि 1 से 3 नवंबर तक बीटीसी की फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा फिर से आयोजित कराई जाएगी. दोनों ही परीक्षाओं के रिजल्ट 10 दिसंबर तक जारी कर दिए जाएंगे.
11 दिसंबर में शुरू होगी शिक्षक भर्ती परीक्षा
बीटीसी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि पेपर लीक होने से जिस किसी अभ्यर्थी को नुकसान पहुंचा है, उसे दूर किया जाएगा. 11 से 25 दिसंबर तक अगली शिक्षक भर्ती परीक्षा का रजिस्ट्रेशन ओपन कर दिया जाएगा और 6 जनवरी को भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि सीएम चाहते हैं कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए.
सीएम ने ली बैठक
बेसिक शिक्षा विभाग की परीक्षाओं में गड़बडिय़ों और पेपर आउट होने की घटनाओं से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ ये बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ.प्रभात कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस व एसटीएफ के अधिकारी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री का जोर इस पर था कि पेपर आउट होने से कोई भी योग्य अभ्यर्थी शिक्षक बनने का मौका न चूके. वहीं, परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी जल्दी दूर की जाए. आपको बता दें कि बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा आठ, नौ और 10 अक्टूबर को होनी थी, जिसका पेपर आउट होने से परीक्षा निरस्त कर दी गई थी.
ये थी मांग
यूपीटीईटी चार नवंबर को कराए जाने पर बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देने वालों की मांग थी कि निरस्त परीक्षा पहले कराई जाए, जिससे कि वो शिक्षकों की अगली भर्ती में शामिल होने से न रह जाएं. इस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा, यूपीटीईटी तथा 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण के लिए प्रस्तावित लिखित परीक्षा की समय-सारिणी तय करने का निर्देश दिया. बैठक में ही इन परीक्षाओं की तारीखें और समय-सारिणी तय किए गए.
एग्जाम का पैटर्न भी बदला
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अब लघु उत्तरीय प्रश्न की जगह बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे. उन्होंने बताया कि लघु उत्तरीय सवाल के मूल्यांकन में मूल्यांकनकर्ता के विवेक की भी भूमिका रहती है. सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर बहुविकल्पीय सवाल ही पूछने का फैसला किया है. बहुविकल्पीय सवाल ओएमआर आधारित होंगे.
रासुका के तहत हो कार्रवाई
वहीं, सीएम ने आदेश दिए कि बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर का पेपर आउट कराने के दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए. गौरतलब है कि पेपर लीक होने की घटना की जांच एसटीएफ कर रही है. शुक्रवार (12 अक्टूबर) को बेसिक शिक्षा विभाग की परीक्षाओं के सिलसिले में बुलाई गई बैठक में एसटीएफ ने अपनी जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी. मुख्यमंत्री ने एसटीएफ के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिस प्रेस में बीटीसी का पेपर छपा, वहां से लेकर परीक्षा केंद्र तक जो भी प्रश्नपत्र आउट कराने के लिए चिन्हित किये जाएं, उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए.