टेट 2017 विवाद:-
रिट याचिका संख्या 28222/SS/2018 (रिज़वान अंसारी व् अन्य बनाम उ प्र सरकार व् अन्य ) में हाइकोर्ट लखनऊ की एकल पीठ ने टेट 2017 के 10 प्रश्नों को गलत तथा 4 प्रश्नों को आउट ऑफ सिलेबस माना और उन्हें हटा कर संसोधित परिणाम एक माह में घोषित किये जाने का आदेश पारित किया ।
"A writ of mandamus is issued commanding the Secretary, Examination Regulatory Authority to make a fresh evaluation of all the answer sheets of the candidates by deleting 14 questions, as stated in para 85 and 86 of this order from the total questions of question papers. The Secretary, Examination Regulatory Authority shall declare the results on the basis of the above direction as expeditiously as possible, preferably within a period of one month and thereafter the examination of The Assistant Teacher Recruitment Examination, 2018 shall be conducted"
एकल पीठ के इस निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा SPECIAL APPEAL No. - 93 of 2018 दाखिल की गयी जिसे अन्तिम रूप से निस्तारित करते हुए हाइकोर्ट लखनऊ बेंच की खण्डपीठ ने 10 प्रश्नों को एक्सपर्ट कमेटी के पास भेजा, जिनमे से सिर्फ 3 प्रश्नों को ही कमेटी ने गलत माना , खण्डपीठ में सभी को 3 अंक देते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया तथा शेष 4 प्रश्नों को सिलेबस के अंतर्गत मानते हुए अपील डिस्पोज ऑफ कर दी ।
"Keeping in view the aforesaid discussion and the report received from the subject experts dated 11.04.2018, Special Appeal No. 93 of 2018 is partly allowed to the following extent:
(i) The 10 questions found by the learned Single Judge to be incorrect and were directed to be deleted, will stand modified to the extent that out of those 10 questions only three questions are found to be incorrect based upon the report of the panel of experts and we direct that the Examination Regulatory Authority shall award grace marks for those three questions containing incorrect answer in the answer key.
(ii) The 4 questions which were found out of syllabus by the learned Single Judge are held to be within syllabus and to that extent the direction issued for deleting those 4 questions will stand modified. "
उक्त आदेश के अनुपालन में टेट 2017 का परिणाम संसोधित हुआ और 4446 अभ्यर्थी सफल घोषित हुये ।
27 मई को लिखित परीक्षा सम्पन्न हुई किन्तु खण्डपीठ के इस आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका (SLP) 20136(C)/2018 विचाराधीन न्यायालय रही और 26.10.2018 को उक्त को सिविल अपील के रूप में निस्तारित करते हुए उच्चतम न्यायालय ने खण्डपीठ द्वारा पारित आदेश ,जिसके अनुपालन में 4446 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे , को रद्द कर दिया और मामले की पुनः सुनवाई मेरिट पर सभी को पक्षकार बना कर करने का आदेश पारित किया । "Under these circumstances, we set aside the impugned judgment
and order passed by the High Court and remand the matter to the
Division Bench of the High Court for reconsideration on merits.
The appellants will be made party - respondents in the High Court."
यहाँ एक विशेष तथ्य का उल्लेख उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में किया - Any appointment(s) made will be subject to the outcome of the
decision rendered by the Division Bench of the High Court.
उक्त आदेश के अनुपालन में दिनाँक 22 दिसंबर 2018 को हाइकोर्ट की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई की है और उसे निस्तारण हेतु 2 जनवरी 2019 को सूची बद्ध किया है ।
इस पुरे मामले से 41556 शिक्षक भर्ती में वह चयनित शिक्षक प्रभावित हो सकते है जिन्होंने टेट 2017 के प्रमाण पत्र के आधार चयन प्राप्त किया है किन्तु अभी केवल दो प्रकार के चयनित शिक्षक सीधे प्रभावित हो रहे है :-
1. वह चयनित शिक्षक जो स्पेशल अपील 93/2018 के आदेश के क्रम में उत्तीर्ण 4446 अभ्यर्थियों में से है क्योंकि वर्तमान में अब यह आदेश अस्तित्व में ही नहीं है ।
2. वह चयनित शिक्षक जो , यदि एकल पीठ के निर्णय के अनुसार 14 प्रश्न हटाने पर टेट 2017 अनुत्तीर्ण हो रहे हों , क्योंकि वर्तमान में यही आदेश प्रभावी है ।
अतः 41556 में चयनित उपरोक्त दोनों प्रकार की श्रेणी के अंतर्गत चयनित शिक्षक तत्काल अपना पक्ष न्यायालय में मजबूती से रखने हेतु आगे आएं अन्यथा उनका चयन रद्द होते देर न लगेगी ।
रिट याचिका संख्या 28222/SS/2018 (रिज़वान अंसारी व् अन्य बनाम उ प्र सरकार व् अन्य ) में हाइकोर्ट लखनऊ की एकल पीठ ने टेट 2017 के 10 प्रश्नों को गलत तथा 4 प्रश्नों को आउट ऑफ सिलेबस माना और उन्हें हटा कर संसोधित परिणाम एक माह में घोषित किये जाने का आदेश पारित किया ।
"A writ of mandamus is issued commanding the Secretary, Examination Regulatory Authority to make a fresh evaluation of all the answer sheets of the candidates by deleting 14 questions, as stated in para 85 and 86 of this order from the total questions of question papers. The Secretary, Examination Regulatory Authority shall declare the results on the basis of the above direction as expeditiously as possible, preferably within a period of one month and thereafter the examination of The Assistant Teacher Recruitment Examination, 2018 shall be conducted"
एकल पीठ के इस निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा SPECIAL APPEAL No. - 93 of 2018 दाखिल की गयी जिसे अन्तिम रूप से निस्तारित करते हुए हाइकोर्ट लखनऊ बेंच की खण्डपीठ ने 10 प्रश्नों को एक्सपर्ट कमेटी के पास भेजा, जिनमे से सिर्फ 3 प्रश्नों को ही कमेटी ने गलत माना , खण्डपीठ में सभी को 3 अंक देते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया तथा शेष 4 प्रश्नों को सिलेबस के अंतर्गत मानते हुए अपील डिस्पोज ऑफ कर दी ।
"Keeping in view the aforesaid discussion and the report received from the subject experts dated 11.04.2018, Special Appeal No. 93 of 2018 is partly allowed to the following extent:
(i) The 10 questions found by the learned Single Judge to be incorrect and were directed to be deleted, will stand modified to the extent that out of those 10 questions only three questions are found to be incorrect based upon the report of the panel of experts and we direct that the Examination Regulatory Authority shall award grace marks for those three questions containing incorrect answer in the answer key.
(ii) The 4 questions which were found out of syllabus by the learned Single Judge are held to be within syllabus and to that extent the direction issued for deleting those 4 questions will stand modified. "
उक्त आदेश के अनुपालन में टेट 2017 का परिणाम संसोधित हुआ और 4446 अभ्यर्थी सफल घोषित हुये ।
27 मई को लिखित परीक्षा सम्पन्न हुई किन्तु खण्डपीठ के इस आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका (SLP) 20136(C)/2018 विचाराधीन न्यायालय रही और 26.10.2018 को उक्त को सिविल अपील के रूप में निस्तारित करते हुए उच्चतम न्यायालय ने खण्डपीठ द्वारा पारित आदेश ,जिसके अनुपालन में 4446 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे , को रद्द कर दिया और मामले की पुनः सुनवाई मेरिट पर सभी को पक्षकार बना कर करने का आदेश पारित किया । "Under these circumstances, we set aside the impugned judgment
and order passed by the High Court and remand the matter to the
Division Bench of the High Court for reconsideration on merits.
The appellants will be made party - respondents in the High Court."
यहाँ एक विशेष तथ्य का उल्लेख उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में किया - Any appointment(s) made will be subject to the outcome of the
decision rendered by the Division Bench of the High Court.
उक्त आदेश के अनुपालन में दिनाँक 22 दिसंबर 2018 को हाइकोर्ट की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई की है और उसे निस्तारण हेतु 2 जनवरी 2019 को सूची बद्ध किया है ।
इस पुरे मामले से 41556 शिक्षक भर्ती में वह चयनित शिक्षक प्रभावित हो सकते है जिन्होंने टेट 2017 के प्रमाण पत्र के आधार चयन प्राप्त किया है किन्तु अभी केवल दो प्रकार के चयनित शिक्षक सीधे प्रभावित हो रहे है :-
1. वह चयनित शिक्षक जो स्पेशल अपील 93/2018 के आदेश के क्रम में उत्तीर्ण 4446 अभ्यर्थियों में से है क्योंकि वर्तमान में अब यह आदेश अस्तित्व में ही नहीं है ।
2. वह चयनित शिक्षक जो , यदि एकल पीठ के निर्णय के अनुसार 14 प्रश्न हटाने पर टेट 2017 अनुत्तीर्ण हो रहे हों , क्योंकि वर्तमान में यही आदेश प्रभावी है ।
अतः 41556 में चयनित उपरोक्त दोनों प्रकार की श्रेणी के अंतर्गत चयनित शिक्षक तत्काल अपना पक्ष न्यायालय में मजबूती से रखने हेतु आगे आएं अन्यथा उनका चयन रद्द होते देर न लगेगी ।