जागरण संवाददाता, रामपुर : परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की
भर्ती में इस बार अजीब स्थिति पैदा हो गई है। इस बार शिक्षक की नौकरी पा
चुके अभ्यर्थी भी आवेदन कर रहे है।
दरअसल, इस बार पूरे प्रदेश में 69 हजार परिषदीय शिक्षकों की भर्ती की जानी है, जिसका जनपदवार कोटा अभी तय नहीं है, लेकिन सरकार का दावा है कि भर्ती पूरे पदों पर ही की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भरे जा रहे हैं। इस भर्ती से आस लगाए आवेदकों को यह खबर थोड़ा मायूस कर सकती है, कि उनको ऐसे अभ्यर्थियों से मैरिट में फाइट करना पड़ेगी। हकीकत यही है। कारण पिछले सत्र में हुई 68500 की भर्ती है, जिसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देश पर जांच की जा रही है। जब विज्ञापन निकला था तो भर्ती 68500 की होना थी, परन्तु पात्रता परीक्षा में निर्धारित पदों से आवेदकों के कम पास होने के कारण पद घटाकर 41500 कर दिए गए। इन पदों में रामपुर मे जहां पहले आठ सौ शिक्षकों की भर्ती होना थी वहीं घटकर पांच सौ बीस ही भर्ती हो सके। ये भी वर्तमान में गतिमान भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बीएसए आफिस में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन कर रहे हैं। इतना ही नहीं 68500 से पूर्व की 12460 शिक्षकों के पदों पर हुई भर्ती में जनपद में जिन 90 शिक्षकों का चयन हुआ, वे भी इस बार इस प्रक्रिया में पुन: आवेदन कर रहे हैं, क्योंकि बीटीसी करते शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने को लेकर उनका मामला भी उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन है। उनकी भर्ती पर भी तलवार लटकी है, इसलिए उन्होने भी बीएसए आफिस में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया है। वे शिक्षक होते हुए भी इस बार की भर्ती में आवेदन कर रहे है। इस तरह इस बार की भर्ती में गुणांक पर जो मैरिट बनेगी उसमें मुकाबला कड़ा होगा। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती काफी कठिन होती प्रतीत पड़ रही है। खासकर उनके लिए जो इस बार ही टीईटी पास करके शिक्षक भर्ती के लिए तैयार हुए हैं। इस भर्ती में शिक्षा मित्रों की तो उनको गुणांक में अपनी पूर्व के वर्षाें में की गई सेवा का प्रतिवर्ष की दर से 2.5 अंक का वेटेज मिलेगा, इसलिए उनको थोड़ी राहत है। ज्यादा परेशानी उनको होने वाली है, जिनकी मैरिट कम है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी कहती हैं कि एनओसी लेने के लिए शिक्षक आवेदन कर रहे हैं। दूसरे जिलों में भी ऐसा हो रहा है। नियमानुसार एक पद के लिए दोबारा भर्ती के लिए एनओसी नहीं दी जा सकती, लेकिन इन शिक्षकों का मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं, इसलिए वह इस मामले में उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेंगी।
दरअसल, इस बार पूरे प्रदेश में 69 हजार परिषदीय शिक्षकों की भर्ती की जानी है, जिसका जनपदवार कोटा अभी तय नहीं है, लेकिन सरकार का दावा है कि भर्ती पूरे पदों पर ही की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भरे जा रहे हैं। इस भर्ती से आस लगाए आवेदकों को यह खबर थोड़ा मायूस कर सकती है, कि उनको ऐसे अभ्यर्थियों से मैरिट में फाइट करना पड़ेगी। हकीकत यही है। कारण पिछले सत्र में हुई 68500 की भर्ती है, जिसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देश पर जांच की जा रही है। जब विज्ञापन निकला था तो भर्ती 68500 की होना थी, परन्तु पात्रता परीक्षा में निर्धारित पदों से आवेदकों के कम पास होने के कारण पद घटाकर 41500 कर दिए गए। इन पदों में रामपुर मे जहां पहले आठ सौ शिक्षकों की भर्ती होना थी वहीं घटकर पांच सौ बीस ही भर्ती हो सके। ये भी वर्तमान में गतिमान भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बीएसए आफिस में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन कर रहे हैं। इतना ही नहीं 68500 से पूर्व की 12460 शिक्षकों के पदों पर हुई भर्ती में जनपद में जिन 90 शिक्षकों का चयन हुआ, वे भी इस बार इस प्रक्रिया में पुन: आवेदन कर रहे हैं, क्योंकि बीटीसी करते शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने को लेकर उनका मामला भी उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन है। उनकी भर्ती पर भी तलवार लटकी है, इसलिए उन्होने भी बीएसए आफिस में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया है। वे शिक्षक होते हुए भी इस बार की भर्ती में आवेदन कर रहे है। इस तरह इस बार की भर्ती में गुणांक पर जो मैरिट बनेगी उसमें मुकाबला कड़ा होगा। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती काफी कठिन होती प्रतीत पड़ रही है। खासकर उनके लिए जो इस बार ही टीईटी पास करके शिक्षक भर्ती के लिए तैयार हुए हैं। इस भर्ती में शिक्षा मित्रों की तो उनको गुणांक में अपनी पूर्व के वर्षाें में की गई सेवा का प्रतिवर्ष की दर से 2.5 अंक का वेटेज मिलेगा, इसलिए उनको थोड़ी राहत है। ज्यादा परेशानी उनको होने वाली है, जिनकी मैरिट कम है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी कहती हैं कि एनओसी लेने के लिए शिक्षक आवेदन कर रहे हैं। दूसरे जिलों में भी ऐसा हो रहा है। नियमानुसार एक पद के लिए दोबारा भर्ती के लिए एनओसी नहीं दी जा सकती, लेकिन इन शिक्षकों का मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं, इसलिए वह इस मामले में उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेंगी।