सिद्धार्थनगर। जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी कर रहे 38
शिक्षकों की बर्खास्तगी का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि फिर 2017 बैच के
28 शिक्षकों की डिग्री संदेश के घेरे में आ गई है।
सूत्रों के अनुसार, जिले में 2010 से ही फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती कराने वाला गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सरगना ने 2015 में 16448 शिक्षकों की भर्ती में जिले के लिए सृजित 616 व 2016 में की भर्ती में सृजित 500 पदों में भी अपनी सेंध लगाई थी। 38 बर्खास्त शिक्षक भी 2015 बैच के हैं। सूत्रों की माने तो इन दोनों भर्तियों में कई शिक्षक विभाग के रडार पर हैं। इनके खिलाफ गोपनीय तरीके से जांच भी चल रही है। बर्खास्त शिक्षकों में से गिरफ्तार चार ने सरगना के बारे में कुछ अहम जानकारियां भी दी हैं।
गौरतलब है कि मथुरा, बलरामपुर में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल
करने का मामला सामने के आने के बाद शासन की ओर से एसटीएफ को जांच की
जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसी बीच जिले में भी 38 फर्जी शिक्षकों के भर्ती
होने की बात सामने आई। इस बाबत जिले में पहुंच कर एसटीएफ साक्ष्य भी जुटा
चुकी है। सूत्रों के मुताबिक सरगना पूर्व में बीएसए कार्यालय में काम कर
चुका है। सूत्रों की माने तो एसटीएफ जल्द से जल्द सरगना को गिरफ्तार करने
की जुगत में है। जिससे पूरे फर्जी शिक्षक प्रकरण का फंडाफोड़ हो सके।
सूत्रों के अनुसार, जिले में 2010 से ही फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती कराने वाला गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सरगना ने 2015 में 16448 शिक्षकों की भर्ती में जिले के लिए सृजित 616 व 2016 में की भर्ती में सृजित 500 पदों में भी अपनी सेंध लगाई थी। 38 बर्खास्त शिक्षक भी 2015 बैच के हैं। सूत्रों की माने तो इन दोनों भर्तियों में कई शिक्षक विभाग के रडार पर हैं। इनके खिलाफ गोपनीय तरीके से जांच भी चल रही है। बर्खास्त शिक्षकों में से गिरफ्तार चार ने सरगना के बारे में कुछ अहम जानकारियां भी दी हैं।