कॉलेज ने जारी कर दी फर्जी मार्कशीट!

 GORAKHPUR: शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का सिलसिला जारी है. गोरखपुर और आसपास में दर्जनों टीचर्स पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी है, तो वहीं दूसरे जिलों से वेरिफिकेशन के लिए डिग्री और मार्कशीट आ रही है. गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज का पहला मामला भी सामने आया है.
इसमें कॉलेज की जारी मार्कशीट का यूनिवर्सिटी में कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है. मामला सामने आने के बाद जिम्मेदारों ने वेरिफिकेशन के लिए आए जिम्मेदारों को इसकी रिपोर्ट दे दी है, वहीं अब इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

हापुड़ में हुई है नियुक्ति
गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड बुद्ध पीजी कॉलेज की एक छात्रा ने 2004 में बीएड कंप्लीट किया. इसके बाद 2017 में हुई भर्ती में इसका सेलेक्शन हो गया और 2018 में हापुड़ में ज्वाइनिंग भी हो गई. इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इसके रिकॉर्ड वेरिफिकेशन के लिए लेटर पहुंचा. यहां जिम्मेदारों ने जांच की तो उनके रिकॉर्ड में कोई ऐसा नंबर और नाम नहीं मिला. इसके बाद जिम्मेदारों ने इसकी रिपोर्ट बीएसए हापुड़ को भ्ोज दी गई.
फिर भेजा दूसरा नंबर

वेरिफिकेशन में फेल होने के बाद छात्रा ने रोल नंबर को गलत बताते हुए दूसरा रोल नंबर वेरिफिकेशन के लिए दिया. लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से की गई जांच में यह रोल नंबर भी सही नहीं पाया गया. हापुड़ से गोरखपुर पहुंचे पुलिस कांसटेबल को यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने इसकी रिपोर्ट भी सौंप दी और टेलीफोनिक सूचना भी संबंधित कार्यालय को दे दी है. मामला संदिग्ध है, इसलिए इसकी जांच भी करने की तैयारी की जा रही है.


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कॉलेज से बनी है मार्कशीट
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में जांच के लिए पहुंचे दस्तावेजों की हकीकत के बारे में जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पड़ताल की, तो मालूम हुआ कि जो मार्कशीट जारी की गई है, वह गोरखपुर यूनिवर्सिटी से जारी ही नहीं की गई. यूनिवर्सिटी से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इस फेक मार्कशीट को कॉलेज लेवल से ही जारी कर दिया गया है. वहीं जहां वीसी, परीक्षा नियंत्रक और परीक्षा विभाग के बाबू की सिग्नेचर होती है, वहां कॉलेज या किसी दूसरे व्यक्ति ने साइन किया हुआ है. अब यूनिवर्सिटी इन मार्कशीट का भी वेरिफिकेशन करा रही है कि आखिर यूनिवर्सिटी का नाम लेकर कहा इसका मिसयूज किया जा रहा है.

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रोजाना 20-25 वेरिफिकेशन
शिक्षक भर्ती के बाद से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में रोजाना वेरिफिकेशन के लिए डॉक्युमेंट्स पहुंच रहे हैं. रोजाना इनकी तादाद 20 से 25 के बीच में है. इसमें रोल नंबर और नाम के साथ ही डिग्री और मा‌र्क्स की हकीकत के बारे में इंफॉर्मेशन मांगी जा रही है. अब तक यूनिवर्सिटी हजारों वेरिफिकेशन कर चुकी है, लेकिन यहां पहला मामला आया है, जिसमें जांच के दौरान मार्कशीट और रोल नंबर फर्जी पाए गए हैं.
वर्जन
एक छात्रा का वेरिफिकेशन आया था, जिसके द्वारा दिया गया दोनो रोल नंबर गलत मिला है. इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. जिस कॉलेज का मामला है, वहां के जरिए मार्कशीट की भी जांच कराई जा रही है.

-डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह, एग्जामिनेशन कंट्रोलर, गोरखपुर यूनिवर्सिटी