69000 शिक्षक भर्ती पूरी तरह उलझी, 19 तक स्टे और इससे पहले लग सकती है चुनावी आचार संहिता: राजेश सचान संयोजक, युवा मंच की कलम से

69000 शिक्षक भर्ती पूरी तरह उलझ चुकी है। 19 मार्च तक स्टे है और 19 मार्च के पहले ही चुनाव आचार संहिता लगने की पूरी संभवना है। पेपर लीक पर भी दो रिट पड़ी हुई हैं।
जिनकी अगली सुनवाई 11 फरवरी को है जिसमें अपर महाधिवक्ता को तलब किया गया है, इसी से मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है। पीएनपी पर भी 7 जनवरी से ही अनवरत धरना जारी है। दरअसल सरकार ने दो विपरीत हित समूहों को जानबूझ कर आपस में एक दूसरे खिलाफ पहले ही खड़ा कर दिया था। तीसरा ग्रुप पेपर लीकर्स का भी बन चुका है। जिसके अनुसार योगी सरकार आजाद हिंदुस्तान की पहली सरकार है जिसमें पेपर लीक तो क्या पेपर लीक व नकल के बारे में कोई सपने में भी सोच नहीं सकता। बेरोजगारी का ही आलम है कि इसमें भाजपा के कट्टर विरोधी भी

पेपर लीक के सवाल पर योगी सरकार की तारीफ किसी भाजपा कार्यकर्ता से भी ज्यादा कर रहे हैं। जरूर कुछ लोगों को कोचिंग संस्थाओं द्वारा दुष्प्रचार से यह गलतफहमी है कि पेपर लीक का आंदोलन फेल लोग कर रहे हैं जो कि सच्चाई से कोसों दूर है, उन्हे यह भी गलतफहमी है कि उनके द्वारा अपनी मेधा के बल पर अर्जित 110 अंक में उनका चयन निश्चित है। न्यायालय व पीएनपी पर संघर्ष बेहद जरूरी होते हुए भी निर्णायक दबाव बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। अगर इसे राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया गया और प्रदेश भर के युवाओं की भागीदारी इसमें सुनिश्चित नहीं हुई तो यह लड़ाई जीती नहीं जा सकती है। इसी सवाल पर देश भर के छात्र युवा संगठन 7 फरवरी को संसद मार्च कर रहे हैं, हमारे सामने भी 69000 शिक्षक भर्ती मेगा स्कैम को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने के लिए बेहतरीन मौका है। इसलिए इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए कल 3 फरवरी को 12 बजे पीएनपी पर महत्वपूर्ण बैठक हो रही है जिसमें आपकी भागीदारी बेहद जरूरी है। आप इस संदर्भ में सुझाव भी जरूर दें।
राजेश सचान
संयोजक, युवा मंच