एलयू की फर्जी मार्क्सशीट बनाने का मामला
लखनऊ (ब्यूरो)। एलयू की जाली मार्क्सशीट धंधेबाज कम रकम पर ही तैयार करवा देते हैं, यही कारण है कि स्टूडेंट्स की वह पहली पसंद हैं। खुनखुनजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में बीपीएड का कोर्स ही नहीं पढ़ाया जाता।
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लखनऊ (ब्यूरो)। एलयू की जाली मार्क्सशीट धंधेबाज कम रकम पर ही तैयार करवा देते हैं, यही कारण है कि स्टूडेंट्स की वह पहली पसंद हैं। खुनखुनजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में बीपीएड का कोर्स ही नहीं पढ़ाया जाता।
मगर धंधेबाजों ने यहां की बीपीएड की जाली मार्क्सशीट व डिग्री तैयार कर
दीं। इसका खुलासा तब हुआ जब खुद लखनऊ के बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने
मामले की जांच की और विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी जानकारी हासिल की।
उन्हें बताया गया कि चौक स्थित खुनखुनजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में तो बीपीएड कोर्स ही नहीं पढ़ाया जाता। फिलहाल इन अभ्यर्थियों से फर्जीवाड़े का लिखित पत्र लेकर इन्हें छोड़ दिया गया।
एलयू के प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय कहते हैं कि बीपीएड व बीए की फर्जी मार्क्सशीट और डिग्री के जो मामले सामने आ रहे हैं उससे हमारी साख को भी बट्टा लग रहा है। यही कारण है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डीन फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. आरआर लॉयल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया है। प्रो. एनके पांडेय कहते हैं कि फर्जी मार्क्सशीट तैयार करने में एलयू के स्तर पर कोई साठगांठ हुई है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
दरअसल एलयू के लिए यह जांच करवाना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बीते 15 दिनों में ही बड़े पैमाने पर फर्जी मार्क्सशीट व डिग्रियां पकड़ी गईं।
150 मार्क्सशीट व डिग्री की भी जांच शुरू
एलयू में लखीमपुर खीरी से पिछले साल नवंबर में स्नातक की 150 मार्क्सशीट व डिग्रियां भेजी गई थीं।
स्नातक कक्षाओं की यह मार्क्सशीट व डिग्रियां इसलिए अभी तक नहीं जांची गईं थी क्योंकि इसके लिए निर्धारित एक हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट नहीं भेजा गया था। यह मार्क्सशीट व डिग्रियां टीईटी में लगाई गईं थीं। अब इनकी जांच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुरू कर दी है।
जालसाजों का मजबूत नेटवर्क
एलयू में मार्क्सशीट व डिग्री असली है या फर्जी इसकी जांच के लिए मैनुअल चेकिंग की जाती है। यहां पर दो चार्ट होते हैं एक ब्लू चार्ट और दूसरा रेड। बीते सालों में धंधेबाजों ने इसमें भी सेंधमारी की है। ब्लू चार्ट के बाद रेड चार्ट से नंबरों का मिलान करने पर फर्जीवाड़ा सामने आ जाता है। अगर यूनिवर्सिटी इस पर कोई बार कोड डाले तो इसे और आसानी से पकड़ा जा सकता है। जैसा कि यूपीटीयू की डिग्री पर होता है।
उन्हें बताया गया कि चौक स्थित खुनखुनजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में तो बीपीएड कोर्स ही नहीं पढ़ाया जाता। फिलहाल इन अभ्यर्थियों से फर्जीवाड़े का लिखित पत्र लेकर इन्हें छोड़ दिया गया।
एलयू के प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय कहते हैं कि बीपीएड व बीए की फर्जी मार्क्सशीट और डिग्री के जो मामले सामने आ रहे हैं उससे हमारी साख को भी बट्टा लग रहा है। यही कारण है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डीन फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. आरआर लॉयल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया है। प्रो. एनके पांडेय कहते हैं कि फर्जी मार्क्सशीट तैयार करने में एलयू के स्तर पर कोई साठगांठ हुई है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
दरअसल एलयू के लिए यह जांच करवाना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बीते 15 दिनों में ही बड़े पैमाने पर फर्जी मार्क्सशीट व डिग्रियां पकड़ी गईं।
150 मार्क्सशीट व डिग्री की भी जांच शुरू
एलयू में लखीमपुर खीरी से पिछले साल नवंबर में स्नातक की 150 मार्क्सशीट व डिग्रियां भेजी गई थीं।
स्नातक कक्षाओं की यह मार्क्सशीट व डिग्रियां इसलिए अभी तक नहीं जांची गईं थी क्योंकि इसके लिए निर्धारित एक हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट नहीं भेजा गया था। यह मार्क्सशीट व डिग्रियां टीईटी में लगाई गईं थीं। अब इनकी जांच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुरू कर दी है।
जालसाजों का मजबूत नेटवर्क
एलयू में मार्क्सशीट व डिग्री असली है या फर्जी इसकी जांच के लिए मैनुअल चेकिंग की जाती है। यहां पर दो चार्ट होते हैं एक ब्लू चार्ट और दूसरा रेड। बीते सालों में धंधेबाजों ने इसमें भी सेंधमारी की है। ब्लू चार्ट के बाद रेड चार्ट से नंबरों का मिलान करने पर फर्जीवाड़ा सामने आ जाता है। अगर यूनिवर्सिटी इस पर कोई बार कोड डाले तो इसे और आसानी से पकड़ा जा सकता है। जैसा कि यूपीटीयू की डिग्री पर होता है।
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