उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित और विज्ञान के 29,334 सहायक अध्यापकों
की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट ने प्रोफेशनल डिग्री धारकोें को राहत दी
है। कोर्ट ने उनको नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक हटाते हुए कहा है कि
अधिकारी अभ्यर्थियों की डिग्री देखकर यह तय करें कि उनका स्नातक डिग्री में
गणित या विज्ञान में से कोई एक विषय था या नहीं।
अदालत ने याचीगणों की इस मांग को नामंजूर कर दिया कि प्रोफेशनल डिग्री धारक
सहायक अध्यापक नियुक्ति के अर्हता नहीं रखते हैं। सत्येंद्र कुमार सिंह और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने यह आदेश दिया।
याचिका में बीटेक, एमटेक, बीपीएड जैसी दूसरी प्रोफेशनल डिग्रियों को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने की मांग की गई थी। कहा गया कि विज्ञापन की शर्त के अनुसार सिर्फ वही लोग सहायक अध्यापक हो सकते हैं, जो गणित या विज्ञान किसी एक विषय से स्नातक हों। प्रोफेशनल डिग्री वाले अर्हता नहीं रखते हैं। याचिका में सात, आठ, 23 और 24 जुलाई को कराई गई काउंसलिंग को रद्द करके प्रोफेशनल डिग्री वालों को चयन से बाहर करने की मांग की गई थी।
याचिका का विरोध कर रहे अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने कहा कि प्रोफेशनल डिग्रियां भी स्नातक डिग्रियां हैं, इसलिए इस आधार पर उनको चयन से वंचित नहीं किया जा सकता है। प्रोफेशनल डिग्री धारकों को शामिल नहीं करने से पद भी पूरे नहीं हो पाएंगे।
याची के वकील शैलेंद्र ने कहा कि तमाम प्रोफेशनल डिग्रियों में गणित और विज्ञान विषय नहीं पढ़ाया जाता है, जबकि सहायक अध्यापक बनने के लिए स्नातक में गणित और विज्ञान में से किसी एक विषय का होना अनिवार्य है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि प्रोफेशन डिग्री धारकों का चयन करते समय अधिकारी हर अभ्यर्थी की डिग्री देखकर तय करें कि उसमें गणित या विज्ञान विषय शामिल था अथवा नहीं। किसी भी अयोग्य व्यक्ति का चयन नहीं किया जाना चाहिए। जिन अभ्यर्थियों की डिग्री में काउंसलिंग के समय गणित या विज्ञान विषय नहीं देखा गया था, उनकी नियुक्ति के समय इसे देखा जाए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अदालत ने याचीगणों की इस मांग को नामंजूर कर दिया कि प्रोफेशनल डिग्री धारक
सहायक अध्यापक नियुक्ति के अर्हता नहीं रखते हैं। सत्येंद्र कुमार सिंह और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने यह आदेश दिया।
याचिका में बीटेक, एमटेक, बीपीएड जैसी दूसरी प्रोफेशनल डिग्रियों को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने की मांग की गई थी। कहा गया कि विज्ञापन की शर्त के अनुसार सिर्फ वही लोग सहायक अध्यापक हो सकते हैं, जो गणित या विज्ञान किसी एक विषय से स्नातक हों। प्रोफेशनल डिग्री वाले अर्हता नहीं रखते हैं। याचिका में सात, आठ, 23 और 24 जुलाई को कराई गई काउंसलिंग को रद्द करके प्रोफेशनल डिग्री वालों को चयन से बाहर करने की मांग की गई थी।
याचिका का विरोध कर रहे अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने कहा कि प्रोफेशनल डिग्रियां भी स्नातक डिग्रियां हैं, इसलिए इस आधार पर उनको चयन से वंचित नहीं किया जा सकता है। प्रोफेशनल डिग्री धारकों को शामिल नहीं करने से पद भी पूरे नहीं हो पाएंगे।
याची के वकील शैलेंद्र ने कहा कि तमाम प्रोफेशनल डिग्रियों में गणित और विज्ञान विषय नहीं पढ़ाया जाता है, जबकि सहायक अध्यापक बनने के लिए स्नातक में गणित और विज्ञान में से किसी एक विषय का होना अनिवार्य है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि प्रोफेशन डिग्री धारकों का चयन करते समय अधिकारी हर अभ्यर्थी की डिग्री देखकर तय करें कि उसमें गणित या विज्ञान विषय शामिल था अथवा नहीं। किसी भी अयोग्य व्यक्ति का चयन नहीं किया जाना चाहिए। जिन अभ्यर्थियों की डिग्री में काउंसलिंग के समय गणित या विज्ञान विषय नहीं देखा गया था, उनकी नियुक्ति के समय इसे देखा जाए।
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