प्रदेश सरकारों की राजनीति के शिकार बने शिक्षामित्र : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

पीएम से मिलने वाराणसी गए शिक्षा मित्र, बढ़ी निगरानी , प्राथमिक विद्यालयों में 15 वर्ष बिताने वाले कहीं के नहीं रहे प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 2001 में शिक्षामित्रों को संविदा कर्मचारियों के तौर पर रखा गया था।
प्राथमिक विद्यालयों में रखे जाने से लेकर सहायक अध्यापकों के पद पर समायोजन होने तक शिक्षामित्रों के साथ प्रदेश सरकारों ने लगातार राजनीति करने का काम किया। प्रदेश में बनने वाली सरकारों ने इन शिक्षामित्रों को राजनीतिक हथियार के तौर इस्तेमाल करके उनको कहीं का नहीं छोड़ा है। अपने जीवन का महत्वपूर्ण 15 वर्ष शिक्षामित्रों की ओर से प्राथमिक विद्यालयों में खपाने के बाद अब उन्हें चौराहे पर खड़ा कर दिया गया है।
शिक्षामित्रों के समायोजन में सरकार की ओर से मनमाने तरीके से नियम बनाकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) का माखौल उड़ाने की कोशिश की गई। टीईटी पूरा किए बिना और बारहवीं पास शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाने की तैयारी की गई थी। मनमाने तरीके से समायोजन किए जाने पर शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हो चुका है। हाईकोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद अब शिक्षामित्र प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी के हाथ खेलकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षामित्र न घर के रहे न घाट के।

पीएम से मिलने वाराणसी गए शिक्षा मित्र, बढ़ी निगरानी

प्रांतीय समिति के आह्वान पर शिक्षामित्र 18 सितंबर को वाराणसी आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने बृहस्पतिवार को रवाना हो गए। शिक्षामित्र प्रधानमंत्री से एनसीटीई की ओर से उनके साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार की जानकारी देंगे। उधर, देर रात शासन से जारी निर्देश के बाद शिक्षामित्रों की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए गए। प्रशासन का मानना है कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिक्षामित्रों के अतिरिक्त भीड़ वाराणसी जाएगी तो वहां कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसलिए शिक्षामित्रों की निगरानी बढ़ाने के भी आदेश दिए गए हैं। वाराणसी के रास्ते में यदि कहीं शिक्षा मित्रों की भीड़ दिखी तो उन्हें वहीं रोकने की भी योजना है। डीएम कौशलराज शर्मा स्थिति की जानकारी लेकर मातहतों को इस बारे में निर्देश देते रहे।

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