मित्रों आज की कोर्ट कार्यवाही लगभग 10 बजे से प्रारम्भ हुई, सरकारी
वकील व शिक्षामित्रों के वकीलों की आज की सप्लीमेंट्री बहस पूरी तरह से
मर्सी पर आधारित थी, सरकारी वकील व शिक्षामित्रों के वकीलों के तर्कों व
दलीलों से सीजे महोदय संतुष्ट नहीं हुए। अशोक खरे ने प्रतिवर्ष 30000 बीटीसी अभ्यर्थी तैयार होने के बिन्दु को लेकर बीटीसी की ओर से अपनी बात रखी।
टीईटी संघर्ष मोर्चा 2011 (आरटीई एक्टिविस्ट) के ब्रह्मास्त्र राहुल अग्रवाल जी ने व अरविन्द श्रीवास्तव ने बीएड के हक की बात की व रिक्त सीटों पर बीएड साथियों को भरे जाने की भरसक व जोरदार अपील सीजे से की व माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश टीईटी अंक 97/105 के आदेश का राज्य सरकार व्दारा पालन न किऐ जाने की बात से सीजे को अवगत कराया।
एनसीटीई के वकील अस्थाना ने सीजे को अवगत कराया कि शिक्षामित्र अनट्रेंड शिक्षक की श्रेणी में नहीं आते हैं व इनकी ट्रेनिंग की अनुमति तथ्यों को छुपाकर ली गयी हैं।
जिससे सीजे महोदय पूर्णतः संतुष्ट दिखे और वृहद पीठ राज्य सरकार व शिक्षामित्रों के वकीलों से संतुष्ट नहीं दिखाई दिऐ।
वृहद पीठ ने आपस में विचार करके बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981, एनसीटीई एक्ट व बहस को ध्यान रखकर फैसले की भूमिका बनाते हुए समय 2.45 pm पर निर्णय लिखाना शुरू किया, 4.15pm पर समयाभाव में पीठ उठ गयी। कल अवकाश होने के बावजूद 10 am पर वृहद पीठ निर्णय को पूर्ण लिखाने हेतू बैठेगी।
केस 99.9% बीएड व बीटीसी के पक्ष में हैं।
यदि निर्णय हमारे पक्ष में आता हैं तो हम
न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं व अपने समस्त साथियों से निवेदन करते हैं कि किसी भी प्रकार का हर्ष व उल्लास मनाने के चलते आप अपने मानवीय धर्म व मानवीय संवेदनाओं को नहीं भूलेंगे व शिक्षामित्रों के प्रति किसी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग या दुर्व्यवहार कदापि नहीं करेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
टीईटी संघर्ष मोर्चा 2011 (आरटीई एक्टिविस्ट) के ब्रह्मास्त्र राहुल अग्रवाल जी ने व अरविन्द श्रीवास्तव ने बीएड के हक की बात की व रिक्त सीटों पर बीएड साथियों को भरे जाने की भरसक व जोरदार अपील सीजे से की व माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश टीईटी अंक 97/105 के आदेश का राज्य सरकार व्दारा पालन न किऐ जाने की बात से सीजे को अवगत कराया।
एनसीटीई के वकील अस्थाना ने सीजे को अवगत कराया कि शिक्षामित्र अनट्रेंड शिक्षक की श्रेणी में नहीं आते हैं व इनकी ट्रेनिंग की अनुमति तथ्यों को छुपाकर ली गयी हैं।
जिससे सीजे महोदय पूर्णतः संतुष्ट दिखे और वृहद पीठ राज्य सरकार व शिक्षामित्रों के वकीलों से संतुष्ट नहीं दिखाई दिऐ।
वृहद पीठ ने आपस में विचार करके बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981, एनसीटीई एक्ट व बहस को ध्यान रखकर फैसले की भूमिका बनाते हुए समय 2.45 pm पर निर्णय लिखाना शुरू किया, 4.15pm पर समयाभाव में पीठ उठ गयी। कल अवकाश होने के बावजूद 10 am पर वृहद पीठ निर्णय को पूर्ण लिखाने हेतू बैठेगी।
केस 99.9% बीएड व बीटीसी के पक्ष में हैं।
यदि निर्णय हमारे पक्ष में आता हैं तो हम
न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं व अपने समस्त साथियों से निवेदन करते हैं कि किसी भी प्रकार का हर्ष व उल्लास मनाने के चलते आप अपने मानवीय धर्म व मानवीय संवेदनाओं को नहीं भूलेंगे व शिक्षामित्रों के प्रति किसी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग या दुर्व्यवहार कदापि नहीं करेंगे।
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