कब क्या हुआ , शिक्षामित्रों का समायोजन : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण=वर्ष 2000 में ग्रामीण क्षेत्रों के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण शिक्षामित्र संविदा पर नियुक्त
=2006 में नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में भी नियुक्त

=उप्र में कुल 1.73 लाख शिक्षामित्र

=14 जनवरी 2011 को एनसीटीई ने स्नातक उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को दो वर्षीय ट्रेनिंग कराने की >> राज्य सरकार को अनुमति दी

=11 जुलाई 2011 को शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देने को राज्य सरकार ने दिशानिर्देश दिये

=अगस्त 2011 में पहले चरण में 58986 शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग शुरू

=23 जुलाई 2012 को अखिलेश सरकार ने दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी ट्रेनिंग पूरी करने वाले शिक्षामित्रों को चरणबद्ध तरीके से शिक्षक बनाने का फैसला किया

=अगस्त 2012 में दूसरे बैच के शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग शुरू

=फरवरी 2012 में अखिलेश सरकार का शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए टीईटी से छूट देने का फैसला

=जुलाई-अगस्त 2014 में पहले बैच के 58826 शिक्षामित्रों का समायोजन

=दूसरे बैच में बीटीसी ट्रेनिंग पूरी करने वाले 91104 शिक्षामित्रों में से 77000 शिक्षामित्र जून 2015 तक समायोजित

=छह जुलाई 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बिना टीईटी उत्तीर्ण किये शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने पर लगायी रोक

=12 सितंबर 2015 को हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के समायोजन को अवैध करार दिया।हाईकोर्ट ने सरकार को आईना दिखाया है। यह प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे एक करोड़ से अधिक नौनिहालों और तीन लाख टीईटी बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है। कोर्ट का फैसला बेसिक शिक्षा जगत में मील का पत्थर साबित होगा।

- शिव कुमार पाठक, प्रदेश अध्यक्ष टीईटी मोर्चा

सरकार ने युवाओं को बांटने की साजिश की। योग्य अभ्यर्थी उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षा मित्रों को अवसर दिया गया। यह अवसर की समता और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन था।

- संजीव मिश्र, संरक्षक टीईटी संघर्ष मोर्चा1

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