जब से खबर मिली है, मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। पूरा परिवार इसी कमाई पर ही निर्भर है। अगर नौकरी न रहे तो हम खाएंगे क्या। मेरे बीवी, बच्चे, पिता सभी का जीवन नौकरी के दम पर है।
-सत्य कुमार, प्राथमिक विद्यालय 32 पीएसी
हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का सम्मान करते हैं। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के साथ छलावा किया है। हमें शिक्षामित्रों के साथ सहानुभूति है। इससे सरकार की सोच की कलई खुली है।
-शक्त्ति पाठक, प्रदेश प्रवक्ता, टीईटी संघर्ष मोर्चा
मेेरे माता-पिता भी नहीं हैं। मैं निशक्त हूं, इसलिए पढ़ाने के अलावा दूसरा कोई काम भी नहीं कर सकता। ऐसे में अगर नौकरी न रही तो मेरे बच्चे क्या खाएंगे ये अंदाजा भी नहीं है मुझे।
-उवैश अहमद सिद्दीकि प्राथमिक वि बरौलिया कला-2
मैं शादी से पहले से ही शिक्षा मित्र के तौर पर काम कर रही थी। बड़ी मुश्किल से तो समायोजन हुआ था। मेरा बेटा सीएमएस में पढ़ रहा है। अगर नौकरी नहीं रही तो बच्चे को मैं पढ़ा भी नहीं पाउंगी।
-रिचा शुक्ला प्राथमिक विद्यालय मड़ियांव
टीईटी शिक्षकों के पक्ष में आया हाई कोर्ट का फैसला पूरी तरह से न्याय संगत है। शिक्षा मित्र सिर्फ संविदा कर्मी हैं। उन्हें शिक्षक बनने का कोई हक नहीं है।
मनोज कुमार सिंह, टीईटी संघर्ष मोर्चा, वाराणसी
अगर नौकरी न रही तो हमारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा। आधी जिंदगी हमने समायोजन के लिए लड़ने में निकाल दी। अब अगर समायोजन के बाद निकाल दिया गया तो आधी जिंदगी नौकरी पाने में लग जाएंगे।
-विकास अनंत- प्राथमिक विद्यालय बेहसा-1
2005 से मैं शिक्षा मित्र के तौर पर काम कर रही हूं। मेरे पति वकालत करते हैं लेकिन घर के ज्यादातर खर्चे मेरी सैलरी पर ही निर्भर हैं। हमें नौकरी से निकाल दिया गया तो परिवारीजनों को खाने के भी लाले पड़ जाएंगे।
रीना देवी,मड़ियांव-1 प्राथमिक विद्यालय
शिक्षामित्र और शिक्षक हाई कोर्ट के फैसले से निराश न हों। कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सीएम और शिक्षामंत्री से बात हो चुकी है। जरूरत पड़ने पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। सरकार सबके साथ है।
योगेश प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
-सत्य कुमार, प्राथमिक विद्यालय 32 पीएसी
हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का सम्मान करते हैं। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के साथ छलावा किया है। हमें शिक्षामित्रों के साथ सहानुभूति है। इससे सरकार की सोच की कलई खुली है।
-शक्त्ति पाठक, प्रदेश प्रवक्ता, टीईटी संघर्ष मोर्चा
मेेरे माता-पिता भी नहीं हैं। मैं निशक्त हूं, इसलिए पढ़ाने के अलावा दूसरा कोई काम भी नहीं कर सकता। ऐसे में अगर नौकरी न रही तो मेरे बच्चे क्या खाएंगे ये अंदाजा भी नहीं है मुझे।
-उवैश अहमद सिद्दीकि प्राथमिक वि बरौलिया कला-2
मैं शादी से पहले से ही शिक्षा मित्र के तौर पर काम कर रही थी। बड़ी मुश्किल से तो समायोजन हुआ था। मेरा बेटा सीएमएस में पढ़ रहा है। अगर नौकरी नहीं रही तो बच्चे को मैं पढ़ा भी नहीं पाउंगी।
-रिचा शुक्ला प्राथमिक विद्यालय मड़ियांव
टीईटी शिक्षकों के पक्ष में आया हाई कोर्ट का फैसला पूरी तरह से न्याय संगत है। शिक्षा मित्र सिर्फ संविदा कर्मी हैं। उन्हें शिक्षक बनने का कोई हक नहीं है।
मनोज कुमार सिंह, टीईटी संघर्ष मोर्चा, वाराणसी
अगर नौकरी न रही तो हमारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा। आधी जिंदगी हमने समायोजन के लिए लड़ने में निकाल दी। अब अगर समायोजन के बाद निकाल दिया गया तो आधी जिंदगी नौकरी पाने में लग जाएंगे।
-विकास अनंत- प्राथमिक विद्यालय बेहसा-1
2005 से मैं शिक्षा मित्र के तौर पर काम कर रही हूं। मेरे पति वकालत करते हैं लेकिन घर के ज्यादातर खर्चे मेरी सैलरी पर ही निर्भर हैं। हमें नौकरी से निकाल दिया गया तो परिवारीजनों को खाने के भी लाले पड़ जाएंगे।
रीना देवी,मड़ियांव-1 प्राथमिक विद्यालय
शिक्षामित्र और शिक्षक हाई कोर्ट के फैसले से निराश न हों। कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सीएम और शिक्षामंत्री से बात हो चुकी है। जरूरत पड़ने पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। सरकार सबके साथ है।
योगेश प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC