पक्ष विपक्ष में कोर्ट में दी गयी दलीलें : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

शिक्षामित्रों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के.ओझा, एच.आर.मिश्र ने बहस की। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे ने बहस की। उन्होंने कहा कि, शिक्षामित्रों की नियुक्ति मनमाने तौर पर बिना आरक्षण कानून का पालन किए की गई है। ऐसे में इनका समायोजन संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के विपरीत है।

नैशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन, एनसीटीई के अधिवक्ता रिजवान अली अख्तर का कहना था कि शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने का अनुमोदन विधि सम्मत है। 23 अगस्त 2010 की एनसीटीई की अधिसूचना सही है। रेग्यूलेशन बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को है।

1.37 लाख को नियुक्ति प्रशिक्षण पर सवाल
शिक्षा मित्र बनाम शिक्षक

हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षकों के बीच गुटबाजी शुरू हो जाएगी। शिक्षकों के कई गुट बन जाएंगे। एक ओर शिक्षा मित्र हैं जिन्होंने टीईटी पास नहीं किया। बीटीसी के समकक्ष एलीमेंट्री एजुकेशन का जो कोर्स भी सरकार ने बाद में करवाया है, उसके बाद वे 72 हजार टीईटी शिक्षकों से सीनियर हो गए। यदि आरक्षण या प्रमोशन की बात आती है, तो शिक्षामित्र आगे हो जाएंगे। जो शिक्षक दूसरे जिलों से तबादला होकर आए हैं, वे शिक्षा मित्रों से जूनियर हो जाएंगे। इसका असर ट्रांसफर और प्रमोशन पर पड़ेगा। इन्हीं वजहों से शिक्षकों ने शिक्षा मित्रों की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर की थी। नए भर्ती होने वाले 15 हजार बीटीसी शिक्षकों से भी शिक्षा मित्र सीनियर हो गए थे। जूनियर में शिक्षा मित्रों की तरह अनुदेशक रखे गए हैं। अब शिक्षा मित्रों की नियुक्ति अवैध कर दी गई है, तो सबको सीनियरटी का लाभ मिलेगा।
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