शैक्षिक संस्थानों का रोग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) व निजी बीटीसी कालेजों को भी लग गया है। लेटलतीफ चल रहे बीटीसी सत्र को तमाम प्रयासों के बाद पटरी पर नहीं लाया जा सका है। अफसरों के सभी प्रयास असफल होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने बीटीसी का सत्र नियमित करने की पहल की है।
कोर्ट ने कब आवेदन लिया जाए और कब से पढ़ाई शुरू हो इसका कार्यक्रम भी भेजा है। यह अलग बात है कि 2014 का सत्र शुरू करने में उस पर अमल नहीं हुआ है लेकिन अब तय कार्यक्रम के हिसाब से काम करने को अधिकारी तत्पर हैं।1शिक्षा निदेशालय परिसर में अक्सर मुट्ठी भींचे युवा यह गवाही दे रहे हैं कि बीटीसी अब शिक्षक बनने की गारंटी नहीं रही। यह कोर्स ही नहीं, बल्कि पाठ्यक्रम का सत्र तक नियमित नहीं है। 2013 का सत्र शुरू करने के समय निजी कालेजों की एकाएक संख्या बढ़ने और फिर उनकी सीटों को भरने में जो आपाधापी मची उससे महकमा आज तक उबर नहीं पाया है। असल में सीटें भरने के कारण काउंसिलिंग आदि की प्रक्रिया में काफी विलंब हुआ। इससे सत्र तय समय से काफी देर से चला। देरी होने से आगे के सत्रों का समय भी खिसकता चला गया। इसका नतीजा यह है कि बीते अगस्त-सितंबर माह में 2014 सत्र के प्रवेश की काउंसिलिंग शुरू हुई। इस प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।1बीटीसी सत्र को नियमित करने के लिए शीर्ष कोर्ट ने बाबा शिवनाथ सिंह शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाम नेशनल काउंसिलिंग फॉर टीचर एजूकेशन व अन्य के संबद्ध 10 अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आठ सितंबर 2015 को आदेश दिया कि बीटीसी 2014 सत्र का प्रवेश पूरा करते हुए 22 सितंबर से कक्षाएं शुरू की जाएं। इस आदेश के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने कई बार डायट के प्राचार्यो को पत्र लिखा, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया अब तक जारी है। यही नहीं अधिकांश संस्थानों को कोर्ट का भी भय नहीं रहा, बाकायदे विज्ञापन जारी करके दिसंबर तक सीटें भरी गईं। हालांकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने स्पष्ट किया कि सत्र की शुरुआत 22 सितंबर 2015 से ही माना जाएगा।1शीर्ष कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 2015 का सत्र 22 सितंबर 2016 से शुरू किया जाएगा। इसके लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया की संभावित तारीख अप्रैल 2016 तय की गई है, ताकि सारी सीटें जुलाई तक भर ली जाएं। यानी कि बीटीसी की बिगड़ी चाल सुधारने की प्रक्रिया नए साल में ही गति पकड़ लेगी। 1इसके बाद 2017 का बीटीसी सत्र एक जुलाई 2017 से शुरू हो जाएगा और इसके लिए आवेदन फरवरी 2017 से लिए जाएंगे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि बीटीसी का सत्र नियमित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका हर हाल में अनुपालन होगा।
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कोर्ट ने कब आवेदन लिया जाए और कब से पढ़ाई शुरू हो इसका कार्यक्रम भी भेजा है। यह अलग बात है कि 2014 का सत्र शुरू करने में उस पर अमल नहीं हुआ है लेकिन अब तय कार्यक्रम के हिसाब से काम करने को अधिकारी तत्पर हैं।1शिक्षा निदेशालय परिसर में अक्सर मुट्ठी भींचे युवा यह गवाही दे रहे हैं कि बीटीसी अब शिक्षक बनने की गारंटी नहीं रही। यह कोर्स ही नहीं, बल्कि पाठ्यक्रम का सत्र तक नियमित नहीं है। 2013 का सत्र शुरू करने के समय निजी कालेजों की एकाएक संख्या बढ़ने और फिर उनकी सीटों को भरने में जो आपाधापी मची उससे महकमा आज तक उबर नहीं पाया है। असल में सीटें भरने के कारण काउंसिलिंग आदि की प्रक्रिया में काफी विलंब हुआ। इससे सत्र तय समय से काफी देर से चला। देरी होने से आगे के सत्रों का समय भी खिसकता चला गया। इसका नतीजा यह है कि बीते अगस्त-सितंबर माह में 2014 सत्र के प्रवेश की काउंसिलिंग शुरू हुई। इस प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।1बीटीसी सत्र को नियमित करने के लिए शीर्ष कोर्ट ने बाबा शिवनाथ सिंह शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाम नेशनल काउंसिलिंग फॉर टीचर एजूकेशन व अन्य के संबद्ध 10 अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आठ सितंबर 2015 को आदेश दिया कि बीटीसी 2014 सत्र का प्रवेश पूरा करते हुए 22 सितंबर से कक्षाएं शुरू की जाएं। इस आदेश के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने कई बार डायट के प्राचार्यो को पत्र लिखा, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया अब तक जारी है। यही नहीं अधिकांश संस्थानों को कोर्ट का भी भय नहीं रहा, बाकायदे विज्ञापन जारी करके दिसंबर तक सीटें भरी गईं। हालांकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने स्पष्ट किया कि सत्र की शुरुआत 22 सितंबर 2015 से ही माना जाएगा।1शीर्ष कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 2015 का सत्र 22 सितंबर 2016 से शुरू किया जाएगा। इसके लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया की संभावित तारीख अप्रैल 2016 तय की गई है, ताकि सारी सीटें जुलाई तक भर ली जाएं। यानी कि बीटीसी की बिगड़ी चाल सुधारने की प्रक्रिया नए साल में ही गति पकड़ लेगी। 1इसके बाद 2017 का बीटीसी सत्र एक जुलाई 2017 से शुरू हो जाएगा और इसके लिए आवेदन फरवरी 2017 से लिए जाएंगे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि बीटीसी का सत्र नियमित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका हर हाल में अनुपालन होगा।
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