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अगर मैं बेसिक शिक्षा मंत्री होता , इस अध्यापक के जज्बे को एक सलाम : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

१. आरटीई प्रावधानों को लागू करते हुए छात्र - शिक्षक अनुपात पूर्ण करता |
२. प्रत्येक विद्यालय में न्यूनतम एक और अधिकतम दो महिला शिक्षको की अनिवार्य नियुक्ति ,कन्या विद्यालय अपवाद ; देखा गया है की छोटे बच्चे और लडकिया पुरुष स्टाफ के साथ असहज होते हैं)| कुछ विशेष स्तिथियों में शिथिलता |
३. सुदूर क्षेत्र में महिला अध्यापको को brc से उनके स्कूल लाने-ले जाने के लिए सरकारी वाहन की व्यवस्था , जिसका मामूली किराया उनकी सेलरी से लिया जा सकता है.
४. महिला शिक्षक को विद्यालय के दोनों समय में 20 मिनट की राहत |
५ . प्रथम नियुक्ति अनिवार्य रूप से सुदूर क्षेत्र में की जाए जिसकी मोनिटरिंग सचिव द्वारा नियत समय पर की जाती रहे (महिलाओं को विकल्प दिए जाए )
६ . सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में तैनात अध्यापको को 5 किलोमीटर से अधिक दूरी के बाद प्रत्येक किलोमीटर पर 200 रूपए / कि.मी (पुरुष) और 300 रूपए / कि.मी (महिला ) का अतिरिक्त भत्ता |
७. आंगनवाडी व्यवस्था बंद की जाए और प्राथमिक विद्यालयों में नर्सरी कक्षा शुरू की जाए जिसके लिए NTT/CT अध्यापको की नियुक्ति हो . इससे प्रथम कक्षा में आने वाले छात्र कुछ जानकारी रखने वाले होंगे |
८ . प्राथमिक विद्यालय में नामांकित प्रत्येक छात्र-छात्रा का आधार कार्ड बनवाया जाए और बिना आधार कार्ड वालो को कोई सुबिधा न दी जाए | इससे सही नामांकन सामने आयेंगे और फर्जी नामांकन कम होंगे |
९. विद्यालय को मिलने वाला रखरखाब अनुदान बंद कर दिया जाए और विद्यालय के निर्माण , मरम्मत और रखरखाव आदि की ज़िम्मेदारी अध्यापक से लेकर राज्य लोक निर्माण विभाग को दे दी जाए |
१०. जिस तरह से बच्चो को फ्री किताबे विभाग मुहय्या कराता है वैसे ही ड्रेस का वितरण भी विभाग द्वारा किया जाए |
११. विद्यालय में प्रधान का हस्तक्षेप पूर्णतय बंद |
१२. BSA/BEO/डीएम के मोबाइल न. प्रत्येक विद्यालय के बाहर अनिवार्य रूप से लिखे जाए
१३. मिडडे से शिक्षको को अलग कर दिया जाए ...प्रत्येक न्याय पंचायत पर एक केंद्रीकृत रसोई का निर्माण हो जहाँ से प्रत्येक विद्यालय में मिडडे भेजा जाए | रसोईया आस पास के गाँव की हों जिनकी नियुक्ति की ज़िम्मेदारी NPRC की हो | मानदेय ३५०० रु किया जाए | यदि मिड डे अधिक मात्रामें एक ही जगह बनेगा तो लागत कम आएगी और भ्रष्टाचार भी कम होगा . तो ये प्रक्रिया सही रहेगी |
१४. NPRC के अधिकार बढाए जाए और उसको ज़िम्मेदार बनाया जाए , NPRC उस न्यायपंचायत का न होकर दूसरे ब्लाक का हो क्योंकि प्राय NPRC लोकल टीचर्स की काफी कमियों पर पर्दा डाल देते हैं...
१५. प्रत्येक ABRC को माह में न्यूनतम एक बार प्रत्येक विद्यालय में भेजा जाए जहाँ वो शिक्षण कार्य में सहयोग करे...
१६. जूनियर सहायक में सिर्फ जूनियर टेट पास अध्यापको का ही प्रमोशन हो वरना वे प्राइमरी के हेड पर ही प्रमोट हो .
१७. ५ वी- ८ वीं कक्षा की परीक्षा निकट के विद्यालय में हो जहाँ निरीक्षक उस न्यायपंचायत के विद्यालयों के न हो.
१८. छात्रो को फेल करने का प्रावधान दुबारा हो |
१९. यदि विद्यालय का ५ वी / ८ वीं का रिजल्ट प्रथम बार 40% से कम हो तो नोटिस , अगले सत्र में भी इससे कम हो तो समस्त स्टाफ पर पेनल्टी और क्रमागत तीसरे सत्र में भी इससे कम रहे तो सभी इन्क्रीमेंट पर रोक , परन्तु सुधार के बाद इन्क्रीमेंट का पिछला लाभ भी एरिअर के रूप में दे दिया जाए |
२०. अच्छा कार्य कर रहे अध्यापको को सम्मानित किया जाए और ऐसे अध्यापको को अन्य अध्यापको से संपर्क कराया जाए ताकि उनमे भी सुधार हो |
और भी बहुत कुछ किया जा सकता है जिससे शिक्षण कार्य में सुधार होगा ........आपके विचार आपेक्षित हैं...इसमें कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं जिनको आसानी से लागू किया जा सकता है ...वैसे भी अगर नियत सही हो तो सब कुछ मुमकिन
धन्यवाद |
Shakul Gupta

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