सफ़र अभी बाकी है - डाईट और SCERT में नियुक्ति के मानकों /प्रक्रिया के सम्बन्ध सूचना के अधिकार के तहत कुछ सूचनाएं मांगी थी I दी गयी सूचनाओं से संतुष्ट न होने के कारण निदेशालय और SCERT में प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील भी की थी I दोनों अपीलों का उत्तर मिल चुका है ( अंतिम का परसों मिला ) I
अपील के निर्णय से मैं संतुष्ट नहीं हूँ I इस संदर्भ में मिले जबाबों के अनुसार ,मेरी समझ में, निम्नलिखित तस्वीर उभर कर आ रही है -
१. मानकों /प्रक्रिया केबारे में निदेशालय का कहना है कि यह जानकारी उनसे सम्बंधित न हो कर SCERT से सम्बंधित है ,इसलिए सूचना भी वही देंगे I यह अजीब स्थिति है , नियुक्तिदाता अपने अधीनस्थ विभाग से पूछ रहा है कि मैंने नियुक्ति क्यों की ?
२. हाल में ही हुए स्थानान्तरण के संदर्भ में निदेशालय का कहना है कि कोई आवेदन नहीं मांगे गए थे , पूर्व में प्राप्त आवेदनों में से कुछ प्रकरण चुने गए ,जिनको शासन द्वारा नियुक्त किया गया I निदेशालय ने यह नहीं बताया कि किसने कब आवेदन दिए थे और प्राप्त आवेदनों में चुने गए आवेदनों का आधार क्या था ? किस आधार पर शासन को प्रस्ताव दिया गया ? शासन को किस दिन किस शुभघडी में कौन सा स्वप्न आया था ???
३. SCERT ने इस संदर्भ में जो उत्तर दिया है
उसके अनुसार नियुक्ति के सन्दर्भ में कोई शासनादेश और नियमावली उपलब्ध नहीं है I नियुक्ति सम्बन्धी आदेश और निर्देश शासन और विभाग द्वारा किये जाते है, अपील के दौरान नए प्रस्तावित ढाँचे का शासनादेश मुझे उपलब्ध कराया गया है I नया ढांचा विचाराधीन है I
उसके अनुसार नियुक्ति के सन्दर्भ में कोई शासनादेश और नियमावली उपलब्ध नहीं है I नियुक्ति सम्बन्धी आदेश और निर्देश शासन और विभाग द्वारा किये जाते है, अपील के दौरान नए प्रस्तावित ढाँचे का शासनादेश मुझे उपलब्ध कराया गया है I नया ढांचा विचाराधीन है I
शासनादेश विचाराधीन कब से हुए यह मेरी समझ से बाहर है ,, शासनादेश,यदि कोई है , तामील के लिए होते हैं, विचार के लिए नहीं ,ऐसी मेरी बुनियादी समझ है I और अगर मकान का ढांचा विचाराधीन ही है तो मकान में किरायेदार/मालिक कैसे काबिज हो गए ,यह भी एक यक्ष प्रश्न है I
प्रश्न और भी हैं ,, अब मेरे पास दो ही विकल्प हैं ,या तो विभाग द्वारा दिए गए लालीपाप चूसता रहूँ या सही सूचनाओं के लिए सूचना आयोग में अपील करूँ I
लालीपाप चूसने की उम्र अब मेरी है ,ऐसा मुझे नहीं लगता ,अतः दूसरा विकल्प चुन रहा हूँ I चूँकि यह मामला कानूनी पेंच का भी है अतः अपने मित्र वकीलों से सलाह ले रहा हूँ I एक तरीका यह भी है इस सन्दर्भ में व्यक्तिगत रूप से न्यायालय की शरण में जाऊं,, पर यह थोडा महंगा पड़ेगा ,, सस्ते-मजबूत और टिकाऊ तरीके के बारे में सोच-विचार ,सलाह -मशविरा कर रहा हूँ I
अभी तक के सभी दस्तावेज यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ , जानकार मित्रों से अनुरोध है कि सलाह देने की कृपा करें I
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