15 हजार शिक्षक भर्ती को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया झटका, लगाईं नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक, डीएड डिग्रीधारियों को काउंसिलिंग से बाहर किए जाने का मामला
जागरण संवाददाता, बदायूं : पंद्रह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालयों में तैनाती देने से कोर्ट ने मना कर दिया है। भर्ती के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
भर्ती अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में चार सौ पद रिक्त थे। चार काउंसलिंग हुईं। कभी कोई तो कभी कोई अभ्यर्थी भर्ती के खिलाफ कोर्ट चला गया। जून में कोर्ट के आदेश पर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई गई और मंगलवार को 395 चयनित अभ्यर्थियों को मूल दस्तावेज जमा करने को बुलाया गया। सुबह से ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर पहुंचे अभ्यर्थियों के चेहरे खिले रहे। दूर-दराज से आने के बाद भी अभ्यर्थियों के चेहरे पर थकान की जगह खुशी दिख रही थी। पूरा दिन जूझकर प्रमाण पत्र जमा किए और महिला व दिव्यांगों ने विद्यालयों का विकल्प भरा और शासनादेश के अनुसार नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार करने लगे। इसी दौरान बीएसए ने नियुक्ति पत्र देने से इंकार कर दिया तो अभ्यर्थी भड़क उठे। बीएसए के कहने पर अभ्यर्थियों को भरोसा न हुआ कि नियुक्ति पत्र से चार कदम दूर होने के बाद भी विद्यालय में नियुक्ति न देने का आदेश आया है।
बीएसए ने अभ्यर्थियों को कोर्ट का आदेश दिखाया। हंगामा होता देख बीएसए ने बेसिक शिक्षा सचिव से मार्गदर्शन मांगा। साथ ही अन्य जिलों के बीएसए से भी बात की।बीएसए कार्यालय पर हंगामा करते अभ्यर्थियों को कोर्ट के आदेश की जानकारी देते बीएसए प्रेमचंद यादव व मौजूद प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष।
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बीएसए ने अभ्यर्थियों को कोर्ट का आदेश दिखाया। हंगामा होता देख बीएसए ने बेसिक शिक्षा सचिव से मार्गदर्शन मांगा। साथ ही अन्य जिलों के बीएसए से भी बात की।बीएसए कार्यालय पर हंगामा करते अभ्यर्थियों को कोर्ट के आदेश की जानकारी देते बीएसए प्रेमचंद यादव व मौजूद प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष।
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