लेकिन याद रखना मैं धृतराष्ट्र नहीं बनूँगा : हिमान्शु राणा

'अर्जुन हिमान्शु सिंह' ये जो शोध की मुद्रा में आप बैठे हो , ये शोध कोई आने वाले टेट या सीटेट की तैयारी के लिए नहीं , भली भांति जानता हूँ ये शोध गाड़ी की चाबी और मोबाइल की प्रक्रिया का है कि किस प्रकार इन दो चीज़ों पर तुम अपना कब्जा अपने पिताजी के होते हथिया पाओगे ?
बाकी तुम पर कृपा अपने बड़े पापा और मम्मी की है जिन्होंने तुम्हारी आदतों को नजरअंदाज केवल स्नेह के लिए किया यहाँ तक कि किसी को कुछ कहने न दिया और तुमने भी अपने बचपन में मेरे न होने का भरपूर फायदा उठाया और जिस उम्र में तुम्हे मिट्टी में खेलने का शौक होना चाहिए था उसमे तुम नजर बचते ही आल्टो 0587 की चाबी लेकर उसे स्टार्ट करने का मादा रखते हो और सबवे सर्फर गेम के लड़के की भाँती दौड़ना चाहते हो या बड़े पापा का विंडो फ़ोन लेकर फ़ोटो खींचने में व्यस्त रहते हो, ये सब भी नहीं मिला तो अपनी मम्मी का फ़ोन उठाकर होल दो (खोल दो) होल दो की रट लगाए रहते हो ताकि तुम्हे टेम्पल रन वाला लौंडा दौड़ाने को मिल जाए ।
तुम्हारे भविष्य को लेकर जितनी चिंता तुम्हारी माता जी करती हैं उतनी मुझे नहीं रहती है क्योंकि मैं महादेव से बस इतनी प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हारी पढाई लिखाई जो भी रहे लेकिन काम ऐसे करने है कि तुम्हारे बाबा का नाम ऊंचा हो, तुम्हारी खुद की पहचान रहे या तुम्हारी पहचान हमारे लिए बने कि अगर मैं और तुम्हारे बड़े पापा सड़क पर निकले तो कहा जाए कि "देखो, अर्जुन के पिताजी जा रहे हैं |" ऐसे कामों के लिए बता दू तुम्हे कि यूपी में पैदा हुए हो मुद्दे हम दे देंगे तुम्हे। 😋😋😋
एक चिंता का विषय ओर है कि तुम्हारी कद काठी नहीं बढ़ रही है फिलहाल तो तुम्हे सचिन पाजी के विज्ञापन वाला कॉम्प्लान तो पिलाया जा रहा है बाकी मेरे लिए ये भी चिंता का विषय नहीं है क्योंकि छोटी हाइट की महान हस्तियां रही हैं उदाहरण कई है उनके भी।
फिलहाल अपने दाऊ भैया का नाम न लेकर भाई कहना स्टार्ट कर दो तो ज्यादा बेहतर क्योंकि कंटाब से बस तुम अपने बड़े पापा की वजह से बच जाते हो ।
अबकी बार सोच रहे हैं तुम्हारा दाखिला करा दें ताकि तुम भी जीवन की जद्दो जहद में जुट जाओ और अच्छी तामील प्राप्त करके अपने जीवन को आगे बढ़ाओ , ये वादा रहा कि पढाई के लिए जो भी संभव होगा उससे अधिक बाप होने के नाते मेरे द्वारा किया जाएगा ।
लेकिन मिष्ठी का ऐसे समाज में ख्याल रखने का दायित्व तुम तीनों पर रहेगा क्योंकि तुम अधिक तेज हो और तुम्हारा गुस्सा भी अपने बाप की तरह है इसलिए तुम्हारी जिम्मेदारी अधिक बनती है ।
बाकी तुम्हारी वजह से मैं आज नसीहत देने वाला बना हूँ उसके लिए शुक्रिया लेकिन याद रखना मैं धृतराष्ट्र नहीं बनूँगा कि बचपन की गलतियों की तरह आगे भी नजर-अंदाज कर दूँ तुम्हारी गलतियां ।
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