आखिरकार बीईओ को मनचाही तैनाती, सरकार खंड शिक्षा अधिकारियों की मांगों के आगे झुकी, दिशा निर्देश जारी

इलाहाबाद : लंबे समय से एक ही जगह जमे खंड शिक्षाधिकारियों (बीईओ) के तबादलों में अफसरों को ही झुकना पड़ा है। शासन की नीति के अनुरूप एक ही मंडल में दस साल से तैनात रहने वाले अधिकारियों को दूसरे मंडलों में भेजने का आदेश हुआ, लेकिन बड़ी संख्या बीईओ ने नहीं माना।
करीब डेढ़ दर्जन बीईओ छह माह से ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। उनमें से पांच को अब मनचाही तैनाती दी गई है वहीं बाकी बीईओ का आचार संहिता में फंसना तय माना जा रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की तर्ज पर विकासखंड मुख्यालयों में तैनात खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला करने के लिए इस बार शासन के निर्देश पर नीति बनाई गई थी। हालांकि बाद में यह तय हुआ कि खंड शिक्षाधिकारियों के लिए अलग से नीति जारी नहीं की जाएगी, बल्कि शासन ने बीते मई में जो तबादला निर्देश जारी किए हैं उसके तहत फेरबदल होंगे। शासन ने एक ही मंडल में दस वर्ष से जमे अधिकारियों को हटाने का निर्देश दिया था। इसी आदेश को खंड शिक्षाधिकारियों पर लागू किया गया। प्रदेश भर में ऐसे शिक्षाधिकारियों की तादाद 96 थी। चिन्हित अधिकारियों को बीते जून व जुलाई माह में ही दूसरे मंडलों में भेजने के लिए आदेश जारी हुए। उनमें से तमाम ने आदेश का अनुपालन किया, लेकिन ऐसे अफसरों की भी कमी नहीं थी, जिन्होंने आदेश नहीं माना। हालांकि अफसरों की सख्ती से जिन बीईओ का तबादला हुआ उन सभी को कार्यमुक्त कर दिया गया था। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसर भी बीईओ की मनमानी से खफा थे इसीलिए कुछ को छोड़कर किसी के आदेश को रद या फिर संशोधित नहीं किया गया। दिसंबर माह में भी करीब डेढ़ दर्जन बीईओ ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। इसी बीच पांच बीईओ का तबादला आदेश संशोधित किया गया है। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि जिन बीईओ का तबादला हुआ है उन्हें दूसरे मंडलों में जाना ही होगा, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। कार्यभार ग्रहण करने से पहले किसी का भी अवकाश स्वीकृत नहीं होगा।

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