समायोजन और ट्रेनिंग दोनों को सर्वोच्च न्यायलय से न्याय मिलना तय

यदि सुप्रीम कोर्ट हमारी ट्रेनिंग ये कहकर रद्द कर देता हे की शिमि अनट्रेंड शिक्षक नहीं बल्कि सामुदायिक समाज सेवी हैं और इन्हें dbtc नहीं कराई जा सकती है तो जहा एक और इससे हमारी ट्रेनिंग ख़त्म होजायेगी वही दूसरी और हमारा समायोजन भी रद्द होजायेगा।
*जहा हाई कोर्ट ने ह 12 sep 15 को हमारा समायोजन रद्द करने के बावजूद भी हमारी ट्रेनिंग को रद्द नहीं किया बल्कि उसको ncte के ऊपर छोड़ दिया की ncte ने ट्रेनिंग कराई है अब वो ही जाने तो मुझे नहीं लगता की ncte अब इस बात से मुकर सकती है की हमने ट्रेनिंग नहीं कराई या तथ्य छिपाए गए जबकि ncte बार बार कई बार ये एतराफ़ कर चुकी है की हाँ,हमने 1.24000 शिमि को दूरस्थ मोड से बीटीसी कराइ तो अब मुझे नहीं लगता की ट्रेनिंग को निकट भविष्य में कोई खतरा हो सकता है*
परंतु यदि अब भी सुप्रीम कोर्ट शिमि की ट्रेनिंग को रद्द करता है तो न सिर्फ ट्रेनिंग जायेगी बल्कि समायोजन भी रद्द हो जायेगा *उस स्तिथि में शिमि के सामने सिवाय मरने और मारने के कोई चारा नहीं बचेगा तब 60 मरे थे अब 60000 भी मर सकते हैं, और मुझे नहीं लगता की चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया बनने की दहलीज़ प् खड़ा होने के साथ ही साथ ritirement के भी करीब खड़े जस्टिस दीपक मिश्रा इतने लोगो के काल का कारण बनेगे*
निश्चिन्त रहे,डरे नहीं सच का सामना करना सीखे। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की पैरवी करना या सहयोग करना छोड़ दे।वो ज़रूर करे *आपका समायोजन और ट्रेनिंग दोनों को सर्वोच्च न्यायलय से न्याय मिलना तय है*
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