देहरादून। शिक्षा
मित्रों के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने के फैसले को कोर्ट
की एकल खंडपीठ के द्वारा असंवैधानिक ठहराने के फैसले के खिलाफ सरकार ने
स्पेशल अपील दायर की है।
हजारों शिक्षा मित्र हो रहे प्रभावित
गौरतलब है कि ललित कुमार और अन्य ने दायर याचिका में कहा था कि नेशनल काउंसिल आॅफ टीचर्स एसोसिएशन (एनसीटीई) के दिशा निर्देशों के अनुसार शिक्षा मित्र के तहत पढ़ाने वाले बिना टीईटी पास किए सहायक शिक्षक नहीं बन सकते हैं। नैनीताल हाई कोर्ट की एकल खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से करीब तीन हजार से अधिक शिक्षा मित्र प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार ने दायर की अपील
अब सरकार ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ स्पेशल अपील दायर की है। आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ एवं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए परेश त्रिपाठी ने कहा कि याचिकाकर्ता बीएड के छात्र हैं। ऐसे में वे 31 मार्च 2016 के बाद प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति पाने की अधिकारी नहीं थे। ऐसे में उन्हें याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है। बता दें कि शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने के लिए एनसीटीई ने राज्य सरकार को 31 मार्च 2016 तक ही छूट प्रदान की थी।
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हजारों शिक्षा मित्र हो रहे प्रभावित
गौरतलब है कि ललित कुमार और अन्य ने दायर याचिका में कहा था कि नेशनल काउंसिल आॅफ टीचर्स एसोसिएशन (एनसीटीई) के दिशा निर्देशों के अनुसार शिक्षा मित्र के तहत पढ़ाने वाले बिना टीईटी पास किए सहायक शिक्षक नहीं बन सकते हैं। नैनीताल हाई कोर्ट की एकल खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से करीब तीन हजार से अधिक शिक्षा मित्र प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार ने दायर की अपील
अब सरकार ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ स्पेशल अपील दायर की है। आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ एवं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए परेश त्रिपाठी ने कहा कि याचिकाकर्ता बीएड के छात्र हैं। ऐसे में वे 31 मार्च 2016 के बाद प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति पाने की अधिकारी नहीं थे। ऐसे में उन्हें याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है। बता दें कि शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने के लिए एनसीटीई ने राज्य सरकार को 31 मार्च 2016 तक ही छूट प्रदान की थी।
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