निराशा चरम पर है और निराश होना स्वाभाविक भी है क्योंकि................‎द्विवेदी विवेक

निराशा चरम पर है और निराश होना स्वाभाविक भी है क्योंकि न्याय में देरी और चन्दा चोरी से लोग आजिज आ चुके हैं। खैर!
न्याय तो होगा और अवश्य होगा परंतु कुछ बातों से रुबरु होना आवश्यक है। पहली बात तो ये कि जो लोग नेक्स्ट डेट घोषित कर दिए हैं सर्वथा असत्य है। जबतक नयी बेंच गठित नही होती डेट मिलना संभव नही है। दूसरी अहम् बात ये है कि शिक्षामित्र सहायक अध्यापक नहीं हो सकते इनको जाना ही होगा। तीसरी अहम् बात ये है कि इस केस का निपटारा आर्टिकल 142 से ही हो सकता है और अंत में यही होगा। tet पास बीएड बेरोजगारों को राहत मिलना तय है परंतु इसका दायरा क्या होगा ये मैं नही कह सकता।
आप सभी खुश रहें मौज करें।
धन्यवाद!
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