विभागीय कर्मचारियों पर घूमी शक की सुई, बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती फर्जीवाड़े में रोज नए मामले

संवाददाता, मैनपुरी : बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती फर्जीवाड़े में रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। दो शिक्षक भर्तियों में अब तक 23 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी मिल चुके हैं।
फर्जीवाड़े में शक की सुई विभागीय कर्मचारियों पर घूम रही है। फंसे दो शिक्षक विभागीय कर्मचारियों के रिश्तेदार हैं। उधर, तीन शिक्षकों ने ऑनलाइन के बजाए ऑफलाइन जांच कराने की मांग की है। 28 माह पहले जिले में 10 हजार शिक्षक भर्ती के तहत 119 शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। सभी शिक्षकों को वेतन और एरियर जारी कर दिया गया। 15 दिन पहले इन शिक्षकों के दस्तावेज चेक हुए तो 13 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी निकले। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद 42 माह पहले हुई 10800 शिक्षक भर्ती में नियुक्त 111 शिक्षकों की भी जांच शुरू हुई। इसमें भी दस शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इन शिक्षकों को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। नोटिस का जवाब देने वाले तीन शिक्षकों ने अपने दस्तावेजों की जांच ऑनलाइन के बजाए ऑफलाइन करने की मांग की है। दो शिक्षकों ने जवाब में देने में असमर्थता जताते हुए खुद को बीमार बताया है। एक शिक्षक के पैर में हादसे में फ्रैक्टर हो गया। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि 10 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जी मिला एक शिक्षक विभाग के एक वरिष्ठ कर्मचारी का दामाद है। जबकि 10800 शिक्षक भर्ती से जुड़ा एक शिक्षक विभाग में तैनात लिपिक का रिश्तेदार है।
आठ शिक्षकों की हो चुकी सेवाएं समाप्त
चार माह पहले हुई 29 हजार शिक्षक भर्ती की जांच के बाद आठ शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी मिले थे। इनकी विभाग ने सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
'दो भर्तियों की जांच में अब तक 23 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी निकले हैं। इन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। सभी के जवाब नहीं आ पाए हैं। दो दिन का और मौका है, जवाब आने के बाद इनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। इस फर्जीवाड़े में जो भी दोषी होंगे, बख्शे नहीं जाएंगे।'
रामकरन यादव, बीएसए ।
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