शिक्षामित्र समायोजन केस जटिल नहीं है।।सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के विरुद्ध दाखिल की गयी याचिकाओं और उनके काउंटर और सब्मिशन्स का अध्ययन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामला बहुत जटिल नहीं रह गया है:-
क्या शिक्षामित्र आरटीई एक्ट, एनसीटीई गाइड लाइन के अधीन नियमानुसार नियुक्त और कार्यरत हैं? (23.8.2010)
क्या शिक्षामित्र राज्य की सेवा नियमाव्ली से नियंत्रित और नियुक्त हैं? (1981)
मात्र उपरोक्त 3 प्रश्न ही शिक्षामित्र समायोजन केस के निर्णय के लिए काफी हैं। और जो भी पैरवीकार इनके उत्तर अपनी 67 एसलपी में दे रहे हैं वे अपर्याप्त है या पर्याप्त स्वयं तै कर ले।
ये हमारे एक हफ्ते के दिल्ली प्रवास का निचोड़ है।।
मुझे नहीं लगता कि इन 3 सवालों के लिए 4 दिन से ज़्यादा की ज़रूरत है
जबकि विरोधी और शिक्षामित्रों द्वारा लिखित बहस जमा की जा चुकी है।
दूसरी तरफ शिव कुमार पाठक केस में भी शिक्षामित्रों के खिलाफ लिखित बहस जमा हुई हैं
जबकि सब जानते हैं कि सभी 67 एसलपी राज्य और बेसिक शिक्षा विभाग की एसलपी की कुछ कमोबेशी के साथ उसकी नक़ल हैं। और कोई भी पैरवीकार इस बात से मुकर नहीं सकता है। बल्कि उपरोक्त तीनो सवालों के जवाब हाई कोर्ट में दाखिल जवाबो से बहुत ज्यादा अलग नहीं हैं?
मिशन सुप्रीम कोर्ट अपने सीमित संसाधनों में हाई कोर्ट में दिए गए जवाबो से अलग और ज़्यादा मज़बूत पक्ष साक्ष्यों सहित कोर्ट में रख चुका है।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।
नोट:- उपरोक्त तथ्य विरोधियों और हमारे पैर्विकारों द्वारा लगाए हुए डाक्यूमेंट्स के अध्ययन के निष्कर्ष पर आधारित हैं ।कृपया बेतुकी राय या जवाव देकर अपनी जानकारी का थोथा प्रदर्शन न करें। बल्कि अगर कुछ कर सकते हैं तो अपनी कमियां सुधारने पर गौर करें।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- सोशल मीडिया पर आगामी सुनवाई की तिथि भ्रामक , नई बेंच मे भी सीनियर जज श्री दीपक मिश्रा सर ही रहेंगे
- 22 फरवरी सुप्रीमकोर्ट सुनवाई का विवरण बिन्दुवार : Himanshu Rana , Mayank Tiwari, Gazi imam Ala , Ganesh Dixit , S K Pathak
- कोर्ट अपडेट: कल sc में रिट संख्या 4347-4375/2014 शिवकुमार पाठक पर कोर्ट नम्बर 2 में सीरियल नम्बर 7 की सुनवाई का विवरण
- मेरे निम्न बिन्दुओं पर समस्त चयनित - अचयनित और कोई भी टीम ध्यान दें : हिमांशु राणा
क्या शिक्षामित्र आरटीई एक्ट, एनसीटीई गाइड लाइन के अधीन नियमानुसार नियुक्त और कार्यरत हैं? (23.8.2010)
क्या शिक्षामित्र राज्य की सेवा नियमाव्ली से नियंत्रित और नियुक्त हैं? (1981)
मात्र उपरोक्त 3 प्रश्न ही शिक्षामित्र समायोजन केस के निर्णय के लिए काफी हैं। और जो भी पैरवीकार इनके उत्तर अपनी 67 एसलपी में दे रहे हैं वे अपर्याप्त है या पर्याप्त स्वयं तै कर ले।
ये हमारे एक हफ्ते के दिल्ली प्रवास का निचोड़ है।।
मुझे नहीं लगता कि इन 3 सवालों के लिए 4 दिन से ज़्यादा की ज़रूरत है
जबकि विरोधी और शिक्षामित्रों द्वारा लिखित बहस जमा की जा चुकी है।
दूसरी तरफ शिव कुमार पाठक केस में भी शिक्षामित्रों के खिलाफ लिखित बहस जमा हुई हैं
जबकि सब जानते हैं कि सभी 67 एसलपी राज्य और बेसिक शिक्षा विभाग की एसलपी की कुछ कमोबेशी के साथ उसकी नक़ल हैं। और कोई भी पैरवीकार इस बात से मुकर नहीं सकता है। बल्कि उपरोक्त तीनो सवालों के जवाब हाई कोर्ट में दाखिल जवाबो से बहुत ज्यादा अलग नहीं हैं?
मिशन सुप्रीम कोर्ट अपने सीमित संसाधनों में हाई कोर्ट में दिए गए जवाबो से अलग और ज़्यादा मज़बूत पक्ष साक्ष्यों सहित कोर्ट में रख चुका है।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।
नोट:- उपरोक्त तथ्य विरोधियों और हमारे पैर्विकारों द्वारा लगाए हुए डाक्यूमेंट्स के अध्ययन के निष्कर्ष पर आधारित हैं ।कृपया बेतुकी राय या जवाव देकर अपनी जानकारी का थोथा प्रदर्शन न करें। बल्कि अगर कुछ कर सकते हैं तो अपनी कमियां सुधारने पर गौर करें।
- 22 फरवरी : कुल 3 मिनट तक की सुनवाई हुई ,जिसमें 2:30 मिनट फ़र्जीवाड़े पर नाफ्डे जी बोले.....अब सवाल यॆ की..
- शिक्षा मित्रों को स्थगन आदेश मिलने के बाद आज तक इस गम्भीर प्रकरण पर सुनवाई क्यों नहीं हुई ?
- आप लोग 40000 रूपया उठाते रहे और खुशी मनाते रहे...........शिक्षामित्र के वकिल सलमान खुशीर्द
- बेबी को तो बेस पसन्द है ....शिक्षामित्रों को डेट पसन्द है.....बीएड वालों को टेट पसन्द है.....लेकिन यूपी को क्या पसन्द है...
- डेट बढ़ने से शिक्षा मित्र खुश और याची मायूस , इस मामले में जेठमलानी और शिक्षा मित्र की हार ही हुई वो भी पूरी तरह से
- समायोजित हुए 90% शिक्षामित्रों को वेतन, लगभग 61 हजार प्रशिक्षुओं को नियुक्ति
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