नकलमुक्त परीक्षा की बंधी आस, डीआइओएस ने अधिकारियों के साथ बनाई तैयारी, सत्ता परिवर्तन से बदलाव की उम्मीद

इलाहाबाद : सूबे की सत्ता में परिवर्तन के साथ यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा का स्वरूप भी बदलने की उम्मीद जगी है। यूपी बोर्ड की परीक्षा में धांधली व नकल का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई चुनावी सभाओं में किया था।
यही कारण है कि सत्ता में परिवर्तन के बाद उसे दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो गई है, क्योंकि पहले भी जब-जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब-तब बोर्ड परीक्षा में खासी कड़ाई बरती गई। वैसी कवायद फिर शुरू हो गई है। नकल माफियाओं पर नकेल लगाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक रविवार को भी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मंत्रणा की। 1यूपी बोर्ड की परीक्षा 16 मार्च से शुरू हो रही है। हाईस्कूल में 122140 व इंटरमीडिएट में 107109 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इलाहाबाद जिले में 509 केंद्रों पर परीक्षा होनी है। इसमें 148 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील के रूप में शामिल हैं। ज्यादा गड़बड़ी गंगापार, यमुनापार स्थित संवेदनशील व अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों में होती है। अबकी ऐसा न हो, उसके लिए वहां उड़नदस्ते की विशेष नजर रहेगी। जिला विद्यालय निरीक्षक कोमल यादव का कहना है कि नकल करने व कराने वालों से कड़ाई से निपटेंगे। 115 को होगी समीक्षा : यूपी बोर्ड की परीक्षा नकलमुक्त कराने के लिए 15 मार्च को समीक्षा बैठक बुलाई गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक कोमल यादव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में उड़नदस्ते में शामिल अधिकारी व शिक्षक शामिल होंगे। इसमें कहां कब और कैसे छापामारी करनी है उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। 115 से 30 मिनट में देंगे दस्तक : नकल रोकने के लिए अधिकारी कितना गंभीर हैं, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर परीक्षा केंद्र में 15 से 30 मिनट के बीच उड़नदस्ते की टीम दस्तक देगी। परीक्षा शुरू होने से पहले कक्ष की गहन जांच होगी। गेट पर परीक्षार्थियों की जांच करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।