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तदर्थ शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुई मनमानी, न्यूनतम मानक से कम अंक पाने वालों को बीएसए बांट रहे यहाँ, हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नोटिस जारी, जवाब-तलब

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में हो रही तदर्थ शिक्षकों की में मनमानी हो रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे अभ्यर्थियों को यां बांट रहे हैं, जिन्होंने टीईटी में न्यूनतम मानक से भी कम हासिल किए हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल हुई है।
कोर्ट ने विभागीय अफसरों को एक मौका देते हुए जवाब-तलब किया है। 1प्रदेश भर में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में याचियों की तदर्थ की प्रक्रिया चल रही है। सात दिसंबर 2015 के शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 862 युवाओं को प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में तैनाती मिली थी, बाद में प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह मौलिक की मांग कर रहे थे। शासन ने चुनाव आचार संहिता के पहले इस संबंध में आदेश भी जारी किया था, लेकिन उन्हें चुनाव के कारण नहीं मिली। प्रशिक्षुओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके आदेश लिया। परिषद के निर्देश पर अब जिलों में तदर्थ यों की प्रक्रिया तेज है। 1हाईकोर्ट ने बीते 16 फरवरी को जारी आदेश में कहा था कि प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित मानक यानी सामान्य वर्ग के लिए टीईटी में 70 प्रतिशत (105 अंक) तथा आरक्षित वर्ग के लिए टीईटी में 65 प्रतिशत (97 अंक) का तदर्थ में कड़ाई से पालन किया। इस आदेश की अवहेलना करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से मानकों के विपरीत यां कर रहे हैं। दिनेश कुमार यादव ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि बलिया समेत कई जिलों में ऐसे अभ्यर्थियों की यां की जा रही हैं, जिन्हें न्यूनतम मानक से भी कम अंक मिले हैं। अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी व विनय कुमार श्रीवास्तव के तर्को को सुनने के बाद कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को एक मौका और देते हुए स्थिति दुरुस्त करने को है। साथ ही दोनों से जवाब भी मांगा है।

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