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देश की सुरक्षा से खिलवाड़ : वोटबैंक के कारण नहीं हुई कारवाही, 3 महीने से यूपी सरकार को थी जानकारी

मुलायम मुस्लिम पर मेहरबान और हिंदुओं के लिए सैतान यह बात किसी से छुपी नही है। किस तरह 14 राम सेवको को गोलियां से मुल्ला मुलायम ने मरवा दिया था । लेकिन इस बार हिन्दुओ से एक और गद्दारी करने जा रहे थे और समय रहते ATS ने बचा लिया ।
27 तारीख को यूपी को था इस्लामिक अटैक का खतरा, तीन महीने तक यूपी पुलिस ने लापरवाही बरती । बता दें कि सैफ़ुल्लाह के केस में अगर समय रहते ATS ने तेज़ी और तत्परता नहीं दिखाई होती और इस्लामिक स्टेट के इस बड़े नेटवर्क को फ़ुल एक्शन के साथ नष्ट न करती तो यूपी में एक बहुत बड़ा हादसा हो जाता । क्यूंकि इस बार IS के समर्थक आतंकवादी UP में किसी बेहद बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे सैफ़ुल्लाह के एनकाउंटर के बाद ये हिला देने वाला खुलासा हुआ है कि IS का एक नेटवर्क ग्रुप “खुसरान” बाराबंकी के एक गाँव में आने वाली 27 मार्च को कोई बड़ा हमला करने षड्यंत्र बना रहा था जिसको भोपाल ट्रेन ब्लास्ट की घटना होने के बाद आयी इनपुट की मदद से नाकाम कर दिया गया था ।
ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के ADG दलजीत सिंह चौधरी के अनुसार UP और मध्यप्रदेश में खुसरान ग्रुप के 6 आतंकवादियों को पकड़ा गया है । बड़ी ख़बर ये है कि भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जो ब्लास्ट किया गया था उसको अंजाम कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र के रहने वाले इसी सैफुल्लाह ने ही दिया था ।
इस घटना को अंजाम देने के लिए उसने लखनऊ के काकोरी थाने के अंतर्गत हाजी कालोनी में एक मकान को किराये में लिया गया था और ये वही घर है जहाँ पर ATS ने मंगलवार को 11 घंटे का एनकाउंटर चलाया था ।
दैनिक जागरण में छपी ख़बर के अनुसार इस सारे षड्यंत्र में केवल सैफुल्लाह ही शामिल नहीं था बल्कि उस के अतिरिक्त कानपुर केएडीए कॉलोनी का “दानिश अख्तर” उर्फ़ जफ़र, अलीगढ़ के इंदरनगर का “सैयद मीर हुसैन” उर्फ़ हम्जा और कानपुर का ही “आतिश मुजफ्फर” और इनके साथ कुछ और भी आतंकी भी मिले हुए थे ।
सैफुल्लाह और उसके एक साथी को छोड़कर बाकि 3 आतंकवादी को मध्यप्रदेश में किसी बड़े हादसे को करने के लिए भेजा गया था पर मध्यप्रदेश पुलिस ने इन तीनो को कोई हादसा करने से पहले ही पिपरिया क्षेत्र में पकड़ लिया था और फिर इन सबकी खोज ख़बर का खेल शुरू हुआ था ।

क्या यूपी पुलिस को पहले से जानकारी थी ?

एनकाउंटर के समय ये विस्फोटक खुलासा हुआ है कि यूपी पुलिस को पिछले 3 महीने से काकोरी में आतंकवादियों के बारे में पता था और इस बात की जानकारी वहां के एक स्थानीय युवक ने पहले से ही दे दी थी इसके बावजूद लखनऊ पुलिस के कानों पर जूँ नहीं रेंगी और ख़बर मिलने के बाद भी आतंकियों का सत्यापन नहीं कराया गया।

अकरम के अनुसार ये तीनो लोग एक ही कमरे में रहते थे और देर रात तक इनके कमरे की लाइट जली रहती थी मतलब ये लोग डर रात तक जागते रहते थे , पड़ोसी लड़के ने ये कहकर सबको चोंका दिया कि हमें तो शुरू से ही इन सब की संदिग्ध गतिविधियां के बारे में आभास होने लगा था और विडम्बना देखो देश की एक बड़ी पार्टी को इनके आतंकी होने के सबूत चाहिएँ
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