त्रिपुरा टीचर्स भर्ती मामला,,,कल त्रिपुरा टीचर्स भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है। क्या था पूरा मामला त्रिपुरा का इसकी मुख्य मुख्य बातो पर प्रकाश डालते हैं-सबसे पहले पहली भर्ती का विज्ञापन 29.10.2002 निकाला गया जिसमें 3 तरह की टीचर्स पोस्ट के लिए आवदेन मांगे गए।
2-500 पोस्ट अंडर ग्रेजुएट जिसकी शैक्षिक योग्यता 10th क्लास थी 11वी फेल भी इस भर्ती में आवेदन कर सकता था।
3-100 पोस्ट्स kak टीचर्स की थीं।जिसकी शैक्षिक योग्यता हाइस्कूल थी।
इस भर्ती में हजारों आवेदकों ने आवेदन किया लेकिन फिर भी यह भर्ती पूर्ण नहीं भरी गई।
इसके बाद फिर से 05.04.2006 को दोवारा विज्ञापन निकाला गया इस बार पदों की संख्या में बदलाव हुआ।
962 ग्रेजुएट 389 अंडर ग्रेजुएट 100 kak टीचर्स। यह विज्ञापन फिक्स्ड पे स्केल पर निकाला गया।जो आवदेक पिछले विज्ञापनों में आवदेन में अप्लाई कर चुके थे उनको अप्लाई करने की जरुरत नहीं थी।
लेकिन भर्ती अब भी पूर्ण नहीं हुई।
@Madhav
23 सितम्बर 2009 को तीसरी बार विज्ञापन निकाला गया पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स का जो स्पेशल सब्जेक्ट के लिए था फिक्स पे स्केल पर
इसमें भी पुराने आवेदको को आवदेन करने की जरुरत नहीं थी लेकिन pg के लिए ही नई आवेदन कर सकते थे।और अगस्त 2010 में फिक्स पे स्केल पर सबको नुयक्त कर दिया गया,61 रिट पेटिशन सिंगल बेंच में फाइल हुई और बिना मेरिट के ही डिस्पोजड़ कर दी गई।मैटर डबल बेंच में चैलेंज हुआ।2013 में फिर अंडर ग्रेजुएट टीचर्स की अंतिम भर्ती हुई।मैटर डबल बेंच में गया और केस मेरिट पर सुना गया।
हालाँकि अब ncte एक्ट 2001 के बाद rte एक्ट 2009 आ चुका था और त्रिपुरा की पोजीशन यह थी की पूरे त्रिपुरा में सिर्फ 795 प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी ही थे।
डबल बेंच में पूरी पालिसी को क्रम वाइज चैलेंज किया गया-
Age लिमिट,sc st आरक्षण,विकलांग,मृतक आश्रित,govt सर्वेन्ट,obc,अल्प संख्यक,NCC प्रमाण पत्र को भी wtg,सेनिरटी,और जरुरत के अनुसार 30% नौकरी दी गईं।
हालाँकि इस भर्ती का विज्ञापन rte एक्ट लागू होने से पहले निकला था इसलिए यहां भी ncte एक्ट 2001 को फॉलो करना था,जिसमे इंटर के बाद 2 बर्षीय एलिमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा होना जरुरी था अध्यापक बनने के लिए।
लेकिन सब रूल्स को दरकिनार करते हुए सरकार ने भर्ती की,भर्ती में इंटरव्यू भी रखा गया जॉन वाइज जिसमे एक जॉन में हाई मेरिट बाला बाहर हो गया जबकि दूसरे जोन में लौ मेरिट बाला अंदर हो गया,इंटरव्यू में इसतरह घपले करके अभ्यर्थियो को सेलेक्ट किया गया कि उसमें ट्रैंड अभ्यर्थी भी आउट हो गए।जो कोर्ट गये कोर्ट ने इस प्रोसेस में आर्टिकल 14 का उलंघन माना और भर्ती को अर्बिटरी कहा।और पूरी भर्ती को रद्द करते हुए एक नया adv नियमानुसार निकालकर 31 dec 2014 तक भर्ती करने के आदेश दिया।
@Madhav Gangwar
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2-500 पोस्ट अंडर ग्रेजुएट जिसकी शैक्षिक योग्यता 10th क्लास थी 11वी फेल भी इस भर्ती में आवेदन कर सकता था।
3-100 पोस्ट्स kak टीचर्स की थीं।जिसकी शैक्षिक योग्यता हाइस्कूल थी।
इस भर्ती में हजारों आवेदकों ने आवेदन किया लेकिन फिर भी यह भर्ती पूर्ण नहीं भरी गई।
इसके बाद फिर से 05.04.2006 को दोवारा विज्ञापन निकाला गया इस बार पदों की संख्या में बदलाव हुआ।
962 ग्रेजुएट 389 अंडर ग्रेजुएट 100 kak टीचर्स। यह विज्ञापन फिक्स्ड पे स्केल पर निकाला गया।जो आवदेक पिछले विज्ञापनों में आवदेन में अप्लाई कर चुके थे उनको अप्लाई करने की जरुरत नहीं थी।
लेकिन भर्ती अब भी पूर्ण नहीं हुई।
@Madhav
23 सितम्बर 2009 को तीसरी बार विज्ञापन निकाला गया पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स का जो स्पेशल सब्जेक्ट के लिए था फिक्स पे स्केल पर
इसमें भी पुराने आवेदको को आवदेन करने की जरुरत नहीं थी लेकिन pg के लिए ही नई आवेदन कर सकते थे।और अगस्त 2010 में फिक्स पे स्केल पर सबको नुयक्त कर दिया गया,61 रिट पेटिशन सिंगल बेंच में फाइल हुई और बिना मेरिट के ही डिस्पोजड़ कर दी गई।मैटर डबल बेंच में चैलेंज हुआ।2013 में फिर अंडर ग्रेजुएट टीचर्स की अंतिम भर्ती हुई।मैटर डबल बेंच में गया और केस मेरिट पर सुना गया।
हालाँकि अब ncte एक्ट 2001 के बाद rte एक्ट 2009 आ चुका था और त्रिपुरा की पोजीशन यह थी की पूरे त्रिपुरा में सिर्फ 795 प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी ही थे।
डबल बेंच में पूरी पालिसी को क्रम वाइज चैलेंज किया गया-
Age लिमिट,sc st आरक्षण,विकलांग,मृतक आश्रित,govt सर्वेन्ट,obc,अल्प संख्यक,NCC प्रमाण पत्र को भी wtg,सेनिरटी,और जरुरत के अनुसार 30% नौकरी दी गईं।
हालाँकि इस भर्ती का विज्ञापन rte एक्ट लागू होने से पहले निकला था इसलिए यहां भी ncte एक्ट 2001 को फॉलो करना था,जिसमे इंटर के बाद 2 बर्षीय एलिमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा होना जरुरी था अध्यापक बनने के लिए।
लेकिन सब रूल्स को दरकिनार करते हुए सरकार ने भर्ती की,भर्ती में इंटरव्यू भी रखा गया जॉन वाइज जिसमे एक जॉन में हाई मेरिट बाला बाहर हो गया जबकि दूसरे जोन में लौ मेरिट बाला अंदर हो गया,इंटरव्यू में इसतरह घपले करके अभ्यर्थियो को सेलेक्ट किया गया कि उसमें ट्रैंड अभ्यर्थी भी आउट हो गए।जो कोर्ट गये कोर्ट ने इस प्रोसेस में आर्टिकल 14 का उलंघन माना और भर्ती को अर्बिटरी कहा।और पूरी भर्ती को रद्द करते हुए एक नया adv नियमानुसार निकालकर 31 dec 2014 तक भर्ती करने के आदेश दिया।
@Madhav Gangwar
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